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________________ भाग्यशाली शत्रुजी नदी में स्नान कर, गिरिराज की प्रदक्षिणा देकर, अपने-अपने पापों का क्षय करते हैं । प्रेमवसही ट्रॅक के पास श्री आदीश्वर भगवान की एक भव्य प्रतिमा है, जिसे 'अद्भुत बाबा' कहते हैं । अद्भुत बाबा की दिव्य मूर्ति पद्मासनस्थ मुद्रा में 5.5 मी. (18 फुट) की है । मुख्य ट्रॅक के मन्दिर के पीछे प्राचीनतम रायण वृक्ष है । कहा जाता है श्री आदीश्वर भगवान ने यहाँ तपस्या की थी। इसलिए इस जगह व वृक्ष की विशेष महत्ता है । यहाँ पर आदीश्वर प्रभु की चरण पादुकाएँ स्थापित हैं, जिनकी साइज चाँदी की अंगी सहित (119 से. मी.-63.5 सें.मी.) 47'-25' है । यहाँ पर और भी अनेकों मन्दिर हैं । उन सब का वर्णन यहाँ शब्दों में कर पाना सम्भव नहीं । इस पावन तथा पुनीत तीर्थ की यात्रा कर अपना जीवन सफल बनावें । कला और सौन्दर्य पहाड पर पहुंचते ही ऐसा लगता है जैसे हम किसी देवलोक में आ पहुँचे हैं । सम्पूर्ण पहाड़ पर, सैकड़ों मन्दिरों का दृश्य जो विभिन्न सौन्दर्यात्मक कलाओं से युक्त है, देखते-देखते मनुष्य सारी सांसारिक चिन्ताएँ एवं कर्म कलाप भूलकर अपार भक्ति भाव में लीन हो जाता है । जब तक वहाँ रहे तब तक न भूख की इच्छा होती है न प्यास की । जगत् की पुण्यस्थली भारतवर्ष में एक ही पर्वत पर, इतने सारे मन्दिरों का एकात्मक दिव्य दृश्य अपने आप में अनूठा, अनुपम प्रतीत होता है । इस पहाड़ के एक ओर शत्रुजी नदी बहती है, जिसकी ठंडी-ठंडी मलयानिल रूपी पवन यानी हवा का स्पर्श बराबर यात्रियों को भाव-विभोर किये रहता है; दूसरी ओर गाँव के अनेक मन्दिर एक पुण्य आभा बिखेरते नजर आते हैं । मार्ग दर्शन तीर्थ स्थल पर पहुँचने के लिए निकट का रेल्वे स्टेशन पालीताना है जो कि भावनगर से 55 कि. मी. तथा सिहोर से 29 कि. मी. की दूरी पर स्थित है । अहमदाबाद से पालीताना तक सीधी रेल एवं बस की व्यवस्था है । स्टेशन गाँव से 12 कि. मी. है, जहाँ से तलहटी भी करीब 11/2 कि. मी. है । तलहटी से मुख्य वैंक की चढ़ाई 4 कि. मी. है। स्टेशन पर टेक्सी, आटो की सुविधाएँ है । तलहटी तक पक्की सड़क है । तलहटी से ऊपर तक 3216 सीढ़ियाँ है । यहाँ वयोवृद्ध यात्रियों के उपयोगार्थ डोली की व बच्चों हेतु गोदी की सुविधा है । यह अहमदाबाद से 200 कि. मी दूर है । सविा एँ पालीताना गाँव में लगभग 50 सर्वसविधायुक्त नवीन धर्मशालाएँ व 35 से 40 पुरानी धर्मशालाएँ है, जिनमें पानी, बर्तन, बिजली, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र इत्यादि की सुविधाएँ उपलब्ध है । यहाँ लगभग 10 धर्मशालाओं में भोजनालय की भी उत्तम व्यवस्था है, उनका पूर्ण विवरण यहाँ संभव नहीं । ___ अक्षय तृतीया पर आनेवाले यात्रियों को पहले से ही ठहरने के लिए इन्तजाम कर लेना जरूरी है, अन्यथा असुविधाएँ हो सकती है । पहाड़ पर रास्ते में पीने के लिए उबाले हुए तथा ठंडे दोनों प्रकार के पानी की समुचित व्यवस्था है । पूजा करनेवालों के लिए पहाड़ पर पानी, फूल और मालाएँ इत्यादि मिलती है चमड़े के जूते ऊपर ले जाना वर्जनीय है । तलहटी में नीचे उतरने पर भाते की सुव्यवस्था है । इस महान पुण्यतीर्थ की आशातना से बचते हए भक्ति भावपूर्ण यात्रा करके पुण्योपार्जन कर जीवन सफल बनावें । पेढ़ी शेठ आनन्दजी कल्याणजी पेढ़ी, तलहटी रोड़, पोस्ट : पालीताना - 364 270. जिला : भावनगर, (गुज.) फोन : 02848-42148 (पढ़ी) 02848-43348 (तलहटी) मुख्य कार्यालय अहमदाबाद - फोन : 079-6608255, 6608244. 617
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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