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________________ मन्दिर हैं। गोमुखी गंगा के आगे से एक रास्ता सहसाबन जाता है । वहाँ श्री नेमिनाथ भगवान की दीक्षा एवं केवलज्ञान कल्याणक स्थानों पर प्रभु की चरण पादुकाएँ प्रतिष्ठित हैं। गोमुखी गंगा से आगे मुख्य मार्ग पर श्री रहनेमि (श्री नेमिनाथ भगवान के भाई) का मन्दिर है । आगे जाने पर श्री अम्बाजी की ट्रॅक आती है । यह ट्रॅक मुख्य वैंक से 300 फुट ऊँची है । चढ़ने के लिए पगथीये बने हुए हैं । इसके निकट एक ओट पर अनिरुद्धकुमार की चरण पादुकाएँ हैं । अम्बाजी, श्री नेमिनाथ भगवान की अधिष्ठायिका देवी है । मंत्री वस्तुपाल-तेजपाल ने इस मन्दिर का निर्माण करवाया था, ऐसा कहा जाता है । पाँच ह्कों का विवरण निम्न प्रकार बताया गसा है: पहली ट्रॅक - श्री नेमिनाथ भगवान की । दूसरी ट्रॅक - श्री अंबाजी की । तीसरी ट्रॅक - ओघड़ शिखर, नेमीनाथ भगवान के चरण । निकट एक ओट पर सांबकमार की चरण पादुकाएँ हैं । चौथी ट्रॅक - ओघड शिखर के आगे एक अन्य शिखर पर (लगभग 1500 सीढ़ियां उतरने व चढ़ने पर) श्री नेमिनाथ भगवान के चरण हैं । एक और शिला पर प्रद्युम्नकुमार के चरण हैं । पाँचवी ट्रॅक - बीहड़ जंगल में पर्वत की ऊँची चोटी जिस पर श्री नेमिनाथ भगवान व गणधर वरदत्त मुनि की चरण पादुकाएँ हैं । यहाँ से एक रास्ता सहसावन की तरफ जाता है । लगभग 1500 सीढ़ियाँ उतरनी पड़ती है । सहसावन से तलेटी की तरफ रास्ता जाता है। __ कला और सौन्दर्य पहाड़ पर विभिन्न प्रकार की वनस्पतियों से भरपूर लहलहाते पेड़ों के साथ घने जंगल का प्राकृतिक दृश्य अति ही सुन्दर व मनोरम प्रतीत होता है । पहुँचने पर इतना आनन्द महसूस होता है कि उतरने का मन ही नहीं होता । श्वे. मुख्य मन्दिर में विभिन्न स्थानों पर, छत पर प्राचीन शिल्पकला का कार्य बहुत ही सुन्दर है, जो निहारने योग्य है । यहाँ पर हर मन्दिर में शिखरों पर, छतों पर व स्तम्भों पर की गई शिल्पकला अति दर्शनीय है । मार्ग दर्शन 8 नजदीक का रेल्वे स्टेशन जूनागढ़ है, जो कि तलहटी धर्मशाला से 61/2 कि. मी. व जूनागढ़ गाँव की धर्मशाला से 11/2 कि. मी. है। जूनागढ़ बस स्टेण्ड भी 11/2 कि. मी. हैं । इन जगहों से बस, टेक्सी व आटो की सुविधा है । गाँव की धर्मशाला से तलहटी की धर्मशाला 5 कि. मी. है व तलहटी से पहाड़ पर पहली ट्रॅक तक की चढ़ाई लगभग 3 कि. मी. है व लगभग 4200 पगथीयें बने हुए है। पहली ट्रॅक से पांचवी ट्रॅक की दूरी लगभग 3 कि. मी. है । राजुलगुफा जाने के लिये पहली ट्रॅक से 200 पगथीये बने हुए है । वयोवृद्धजनों के उपयोगार्थ डोलियों व बच्चों हेतु गोदी का साधन है । पालीताना 230 कि. मी. दूर है । सुविधाएँ जूनागढ़ गाँव जगमाल चौक में श्वेताम्बर व दिगम्बर विशाल धर्मशालाएँ है, जहाँ पर बिजली, पानी, बर्तन, ओढ़ने-बिछाने के वस्त्र आदि के साधन है । तलहटी पर भी श्वेताम्बर व दिगम्बर धर्मशालाएँ व ब्लोक है जहाँ पर भोजनशाला व अन्य सारी सुविधाएँ उपलब्ध है । पहाड़ पर भी ठहरने के लिए श्वेताम्बर व दिगम्बर धर्मशालाएँ है, जहाँ पूजा सेवा के लिए सारी व्यवस्था उपलब्ध है । रास्ते में चढ़ते वक्त जगह-जगह पानी की व्यवस्था है व अन्य चाय-पानी की दूकानें लगी हुई पेढ़ी 1. शेठ देवचंद, लक्ष्मीचंद ट्रस्ट (शेठ आणान्दजी कल्याणजी शाखा पेढ़ी) उपरकोट रोड़, जगमाल चौक, बाबूनों बन्डों जैन धर्मशाला । (पोस्ट बाक्स नं. 049)। पोस्ट : जूनागढ़ - 362 001. जिला : जूनागढ़, प्रान्त : गुजरात, फोन : 0285-650179, (पढ़ी) तलेटी - 620059. पहाड़ - 624309. 2. श्री बन्डीलाल दिगम्बर जैन कारखाना, जगमाल चौक पेढ़ी, पोस्ट : जूनागढ़ - 362 001. फोन : 0285-654108, तलेटी - 621519. 77Madam 1381 Sardargadh Saradiya BHESAN? A * * VANTHAU JUNAGADH JoGirmar 20 Banda MANAVADAR Shahp:36 Bilkha Orat R. 3 2 Bilkha Khadiyeo 576
SR No.002332
Book TitleTirth Darshan Part 3
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages264
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size48 MB
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