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________________ श्री पोकरण तीर्थ तीर्थाधिराज श्री पार्श्वनाथ भगवान, श्वेत वर्ण, पद्मासनस्थ, लगभग 75 सें. मी. (श्वे. मन्दिर) । तीर्थ स्थल पोकरण गाँव के मध्यस्थ । प्राचीनता र इस मन्दिर की प्रतिष्ठा वि. सं. 1548 में हुई थी । जीर्णोद्धार होकर पुनः प्रतिष्ठिा वि. सं. 1883 में सम्पन्न हई । अभी पुनः जीर्णोद्धार की अतीव आवश्यकता है । विशिष्टता श्री जैसलमेर पंचतीर्थी का यह एक तीर्थ-स्थान माना जाता है । अन्य मन्दिर 8 इसके अतिरिक्त इसके निकट ही निम्न दो और मन्दिर हैं व गाँव के बाहर जोधपुर मार्ग र मार्ग में एक प्राचीन दादावाड़ी है । 1. श्री आदिनाथ भगवान जिनालय, जिसकी प्रतिष्ठा वि. सं. 1536 में हुई थी। श्री पार्श्वनाथ भगवान जिनालय जिसकी प्रतिष्ठा वि. सं. 1548 में हुई थी व वि. सं. 1856 में जीर्णोद्धार होकर पुनः प्रतिष्ठा सम्पन्न हुई । पहले यह मन्दिर श्री शान्तिनाथ भगवान के नाम से प्रसिद्ध था । कला और सौन्दर्य * लाल पत्थर की बनी इमारतों में कोतरणी का काम देखने योग्य है । मार्ग दर्शन 8 यहाँ का रेल्वे स्टेशन पोकरण मन्दिर से करीब एक कि. मी. दूर है । रास्ता तंग रहने के कारण कार व बस मन्दिर से करीब 100 मीटर दूर ठहरानी पड़ती है । बस स्टेण्ड मन्दिर से करीब 14 कि. मी. दूर है । यह क्षेत्र जोधपुर-जैसलमेर, रेल व सड़क मार्ग पर स्थित हैं । पोकरण से जैसलमेर करीब 40 कि. मी. दूर है । सुविधाएँ ठहरने के लिए मन्दिर के पास ही एक छोटी धर्मशाला है, जहाँ पानी, बिजली की सुविधा है । पेढ़ी 8 श्री जैसलमेर लोद्रवपुर पार्श्वनाथ श्वेताम्बर जैन ट्रस्ट, पोस्ट : पोकरण - 345 021. जिला : जैसलमेर, प्रान्त : राजस्थान, मुख्य पेढ़ी : जैसलमेर, फोन : 02992-52404. Sirdon Phalodi. Shri Bhadriya 14 F 660 R Ramdevra Odania 19 Pokaran Kolu Paru श्री पार्श्वनाथ जिनालय-पोकरण 301
SR No.002331
Book TitleTirth Darshan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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