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यहाँ के सेठ श्री थीरुशाह, संघवी श्री पाँचा, सेठ सँडासा, सेठ श्री जगधर आदि श्रेष्ठियों ने अनेकों धार्मिक कार्य करके ख्याति पायी है । थीरुशाह बड़े दानवीर व सरलस्वभावी थे । उनका निकाला हुआ 'शत्रुजय यात्रा संघ' प्रसिद्ध है । लौद्रवपुर तीर्थ का अन्तिम जीर्णोद्धार इन्होंने करवाया था ।
संघवी श्री पाँचा ने शत्रुजय महातीर्थ के लिए 13 बार संघ निकाले थे । सेठ श्री सँडासा द्वारा किले पर कोट बनवाने का कार्य व मन्दिर के लिए मुलतान जाने की कथा रोचक है। उसी प्रकार सेठ श्री जगधर आदि श्रेष्ठियों द्वारा किया गया धार्मिक-कार्य उल्लेखनीय
श्री संकट हरण पार्श्वनाथ-जैसलमेर
__ अन्य मन्दिर 8 वर्तमान में इसके अतिरिक्त किले पर 9 मन्दिर और हैं । गाँव में 5 मन्दिर हैं । यहाँ के ग्रन्थ-भन्डार अति दर्शनीय हैं । बृहत् ग्रन्थ-भन्डार में पन्ने की प्रतिमा, दादा जिनदत्तसूरिजी की आठ सौ. वर्ष से प्राचीन चादर चौलपट्टा आदि दर्शनीय हैं । __कला और सौन्दर्य के जैसलमेर की कला का जितना वर्णन करें कम हैं । हर एक मन्दिर में स्तों , तोरणों, पुतलियों, नृत्तिकाओं आदि के अद्वितीय बेजोड़ नमूने हैं । यहाँ पर आपको पश्चिम-राजस्थान की कला के सानदार नमूने नजर आयेंगे । ऐसी कला के नमूनों के दर्शन अन्यत्र संभव नहीं । यहाँ की कला निहारते ही आबू देलवाड़ा, राणकपुर, खजुराहो आदि याद आ जाते हैं । लेकिन यहाँ के नमूने वहाँ से भिन्न हैं । यहाँ के कड़क पीले पत्थर में इस ढंग की बारीकी से शिल्प काटना मामूली बात नहीं । तोरण, नृत्तिकाओं व पुतलियों की शिल्पकला यहाँ की विशिष्टता है । जैसलमेर में मन्दिरों के अतिरिक्त पटवों के हवेलियों आदि इमारतों में की हुई कला भी बेजोड़ है । पीले पाषाण से निर्मित शिखर समूहों का दृश्य दूर से ही स्वर्ण शिखरों जैसा प्रतीत होता है । जैन ग्रन्थ-भन्डारों में प्राचीन हस्तलिखित विभिन्न प्रकार के चित्र अति दर्शनीय हैं ।
मार्ग दर्शन ® जैसलमेर रेल्वे स्टेशन से गांव की धर्मशालाएं लगभग 11/2 कि. मी. व किले के मन्दिर 2 कि. मी. दूर हैं । कार व बस गाँव में धर्मशालाओं तक व किले के नीचे तक जाती है । ऊपर पैदल चढ़ना पड़ता है, लगभग 10 मिनट का रास्ता है । परन्तु जीप ऊपर किले में मन्दिर के निकट तक जा सकती
है । जोधपुर, बाडमेर, फलोदी, अहमदाबाद, जयपुर, जालोर व बीकानेर से सीधी बसें है । बस स्टेण्ड से धर्मशालाएँ लगभग 1/2 कि.मी. हैं, जहाँ आटो रिक्शा व टेक्सी का साधन है ।
सुविधाएँ ठहरने के लिए यहाँ पर जैन भवन, नाकोड़ा भवन व श्री महावीर भवन धर्मशालाएँ अलग-अलग स्थान पर है । जो लगभग स्टेशन से 17 कि. मी. दूरी व बस स्टेण्ड से 1/2 कि. मी. दूरी पर है । जैन भवन में सर्वसविधायुक्त कमरे व भोजनशाला की सविधा उपलब्ध है, जहाँ पर कार व बसें भी ठहर सकती है । किले पर भी मन्दिर के निकट छोटी धर्मशाला है जहाँ पूजा-सेवा के लिए पानी की व्यवस्था है ।
पेढ़ी जैसलमेर लोद्रवपुर पार्श्वनाथ जैन श्वेताम्बर ट्रस्ट, जैन भवन, पोस्ट : जैसलमेर-345001. प्रान्त : राजस्थान, फोन : 02992-52404.
02992-52330 (किला मन्दिर) तार : JAIN TRUST
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