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________________ के समान है अतः उत्तर भारत में श्री चक्रेश्वरी माता कला और सौन्दर्य माताजी के प्रतिमा की का यह मन्दिर व दक्षिण भारत में श्री पद्मावती माता कला अपने आपमें अनूठी है । मन्दिरजी में माताजी का मन्दिर अतीव प्रभाविक व विख्यात है । के चमत्कारिक घटनाओं एवं एतिहासिक प्रसंगों की ऐसे तो यहाँ अनेकों प्रकार की चमत्कारिक घटनाएँ। रोचक गाथाएँ कांच पर बनाये गये चित्रों में दिखाई गई घटी है परन्तु पानी के अभाव में एक बालिका द्वारा है जो अतीव दर्शनीय है । माता के गुणगान गाने पर पानी का झरना फूट पड़ना मार्ग दर्शन नजदीक का रेल्वे स्टेशन अम्बालाएक अत्यन्त प्रभाविक घटना है, वही झरना आज भी लुधियाना मार्ग में सरहिन्द-मण्डी लगभग 5 कि. मी. यहाँ मौजूद है व अमृतकुन्ड के नाम से विख्यात है। मैन लाइनपर है व फतेगढ़ साहिब लगभग 2 कि. मी. भक्तजन यहाँ के जल को गंगाजल के समान ही ब्रांच लाइनपर हैं । सरहिन्द मण्डी बस स्टेण्ड भी पवित्र मानकर अपने घर ले जाते हैं व सेवन करके। लगभग 5 कि. मी. दूर है । जहाँ से टेक्सी, आटो की अनेक रोगों से भी छुटकारा पाते हैं । ऐसा भक्तजनों सुविधाएँ है । कार व बस मन्दिर तक जा सकती है। द्वारा अभिहित है । उसी अमृतकुण्ड परिसर में भगवान नजदीक का हवाई अड्डा लुधियाना 55 कि. मी. व श्री आदिनाथ प्रभु की बहुत सुन्दर प्रतिमा विराजमान दिल्ली 300 कि. मी. दूर हैं । की गई, जो आज भी दर्शनीय है । अभी भव्य मन्दिर सुविधाएँ वर्तमान में ठहरने के लिए 50 कमरे के निर्माण का कार्य चालू है । बने हुवे है, जहाँ भोजनशाला सहित सारी सुविधाएँ प्रतिवर्ष आश्विन शुक्ला चतुर्दशी को ध्वजा चढ़ाई उपलब्ध है। जाती है व आश्विन शुक्ला त्रयोदशी से पूर्णीमा तक पेढ़ी माता श्री चक्रेश्वरी देवी जैन तीर्थ भारी उत्सव मनाया जाता है जिसमें लगभग दस प्रबन्धक कमेटी (रजि.) गाँव : अते वाली, हजार जैन अजैन भक्तगण भाग लेते है । माताजी के पोस्ट : सरहिन्द, व्हाया : मानुपुर जिला : फतेगढ़ दर्शनार्थ जैन व अजैन आते ही रहते हैं व अपना साहिब (पंजाब),फोन : 0176 3-32246. मनोरथ पूर्ण करते हैं । पी.पी. 0171-530781, 533481, 530166. अन्य मन्दिर वर्तमान में यहाँ इसके अतिरिक्त कोई मन्दिर नहीं है । माता श्री चक्रेश्वरी देवी जैन तीथ प्रवेश द्वार-सरहिन्द 472
SR No.002331
Book TitleTirth Darshan Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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