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________________ शुक्ला बारस को पाँच सौ मुनियों के साथ मोक्ष सिधारे हैं। आठवी ट्रॅक - ग्यारहवें तीर्थंकर श्री श्रेयसनाथ भगवान की है। यहाँ से भगवान श्रावण कृष्णा तृतीया को एक हजार मुनियों के साथ मोक्ष सिधारे है । नवमी ट्रॅक :- नवमें तीर्थंकर श्री सुविधिनाथ भगवान की आती है। यहाँ से भगवान भाद्रवा शुक्ला नवमी को एक हजार मुनियों के साथ मोक्ष सिधारे हैं। दशवीं ट्रैक :- छठे तीर्थंकर श्री पद्मप्रभ भगवान की आती है। यहाँ से प्रभु मार्गशीर्ष कृष्णा ग्यारस को तीन सौ आठ मुनियों के साथ मोक्ष सिधारे हैं। आगे ग्यारहवीं ट्रैक :- बीसवें तीर्थंकर श्री मुनिसुव्रत स्वामी भगवान की है यहाँ से भगवान ज्येष्ठ कृष्णा नवमी को एक हजार मुनियों के साथ मोक्ष सिधारे हैं। अब हमें कठिन व ऊँची ट्रॅक जाना है । वह है बारहवीं ट्रैक :- आठवें तीर्थंकर श्री चन्द्रप्रभ भगवान की । यहीं से प्रभु भाद्रवा कृष्णा सप्तमी को एक हजार मुनियों के साथ मोक्ष सिधारे है । उतरकर आगे चलने पर तेरहवीं टँक :- श्री आदिनाथ भगवान की आती है। प्रभु तो अष्टापद से मोक्ष सिधारे हैं । इस पावन तीर्थ पर दर्शनार्थ प्रभु के चरण स्थापित हैं । चौदहवीं ट्रैक :- चौदहवें तीर्थंकर श्री अनन्तनाथ भगवान की है। चैत्र शुक्ला पंचमी को सात सौ मुनियों के साथ यहीं से प्रभु मोक्ष सिधारे हैं। पन्द्रहवीं ट्रैक दसवें तीर्थंकर श्री शीतलनाथ भगवान की है। यहाँ पर भगवान वैशाख कृष्णा द्वितीया को एक हजार मुनियों के साथ मोक्ष सिधारे हैं। सोलहवीं ट्रैक :- तीसरे तीर्थंकर श्री संभवनाथ भगवान की आती है । यहाँ से भगवान चैत्र शुक्ला पंचमी को एक हजार मुनिगणों के साथ मोक्ष सिधारे हैं । सत्रहवीं टँक :- बारहवें तीर्थंकर श्री वासुपूज्य भगवान की है । भगवान चम्पापुरी में मोक्ष सिधारे हैं यहाँ दर्शनार्थ उनके चरण स्थापित हैं । अठारहवीं ट्रॅक :- चौबे तीर्थंकर श्री अभिनन्दन भगवान की है। यहाँ से प्रभु वैशाख शुक्ला अष्टमी को एक हजार मुनिगणों के साथ मोक्ष सिधारे हैं। अब हम यहाँ की प्रमुख ट्रॅक पहुँच रहे हैं। यह है यहाँ की प्रमुख ट्रॅक, उन्नीसवीं टँक :- इस ट्रैक पर स्थित यहाँ के मुख्य जलमन्दिर का दर्शन होता है। यहाँ के मूलनायक श्री शामलिया पार्श्वनाथ भगवान हैं। कैसी सुन्दर व अलौकिक प्रतिमा है प्रभु की पवित्र पहाड़ों में हरे-भरे लहलहाते पेड़-पौधों के बीच मन्दिर भी कितना सुन्दर लगता है जैसे दिव्य-लोक में : श्री मल्लिनाथ भगवान निर्वाण स्थल टँक 1702015 0 श्री मुनिसुव्रतस्वामी भगवान निर्वाण स्थल टँक Canada Ges - सम्मेतशिखर सम्मेतशिखर 39
SR No.002330
Book TitleTirth Darshan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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