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________________ प्रतिष्ठित होना था अतः सभी की भावना देखकर गुरु भगवंत की भी भावना हुई कि जहाँ प्रतिमा प्रकट हुई उसी स्थान पर पुनः मन्दिर बनवाकर प्रभु को प्रतिष्ठित करना श्रेयकर रहेगा । गुरु भगवंत द्वारा जय ध्वनी के साथ मंजूरी की घोषणा होते ही उपस्थित सभी महानुभावों के चहेरों पर अतीव आनन्दमय खुशी छा गई जो दृश्य देखने योग्य था I मन्दिर का यहीं पर निर्माण करवाकर वि. सं. 2044 मार्गशीर्ष शुक्ला दशमी के शुभ दिन प. पूज्य आचार्य भगवंत श्री राजेन्द्रसूरिजी एवं इस तीर्थ के उद्वारक श्री प. पू. श्री विधानन्दविजयजी (वर्तमान में श्री विधानन्दसूरीश्वरजी) की पावन निश्रा में उसी प्रतिमा की पुनः प्रतिष्ठा सुसम्पन्न हुई । विशिष्टता प्रतिमा प्रकट होते ही गांव में छाया शांती का वातावरण व पुनः प्रतिष्ठाके पश्चात् भी निरन्तर घटती आ रही चमत्कारिक घटनाएँ यहाँ की मुख्य विशेषता है । जैन - जैनेतर सभी दर्शनार्थ आते रहते हैं । खानदेश क्षेत्र का यह भी एक प्राचीनतम वैभवशाली तीर्थ माना जाता है । इसे यहाँ की पंचतीर्थी का एक मुख्य तीर्थ भी कहते हैं । प्रतिवर्ष माग सुदी 10 को ध्वजा चढ़ाई जाती है। अन्य मन्दिर * वर्तमान में इसके अतिरिक्त एक दादावाड़ी हैं । कला और सौन्दर्य * प्रभु प्रतिमा अतीव प्रभावि व सौम्य है । प्राचीन कला के भग्नावशेष इधर-उधर नजर आते हैं, जो अजंता अलोरा कलाकृति की याद दिलाते हैं । मार्ग दर्शन * नजदीक का रेल्वे स्टेशन दोन्डायचा 30 कि. मी. व नन्दुरबार 27 कि. मी. दूर है, जहाँ पर आटो, बस व टेक्सी की सुविधा है । यहाँ से धुलिया 60 कि. मी., नेर 55 कि. मी., दूर है । सभी स्थानों से बस व टेक्सी की सुविधा है । यह स्थान सूरत-नागपूर हाईवे पर साक्री से फांटा तदुपरान्त 4 कि. मी. पर चीमढ़ाना फान्टा से 25 कि. मी. दोन्डायचा रोड़ पर स्थित है। कार व बस मन्दिर तक जा सकती है । सुविधाएँ * ठहरने के लिये मन्दिर के निकट सर्वसुविधायुक्त धर्मशाला हैं, जहाँ भोजनशाला विमलनाथ भगवान-बलसाणा सुविधा भी उपलब्ध है । पेढ़ी * श्री विमलनाथ स्वामी जैन श्वे. पेढ़ी, ( संचालक : श्री शीतलनाथ भगवान संस्थान, धूलिया) पोस्ट : बलसाणा - 424304. तालुका : साक्री, जिला : धूलिया (महाराष्ट्र), फोन: 02568-78214. धूलिया पेढ़ी : 02562-38091. 臨 213
SR No.002330
Book TitleTirth Darshan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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