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आचार्य श्री पात्रकेशरी ने अपने 500 शिष्यों के साथ यहाँ पर जैन-धर्म अंगीकार किया था ।
यहाँ दि. मन्दिर में तिखाल वाले बाबा की हरित वर्ण प्राचीन प्रतिमा दर्शनीय है । कहा जाता है कि इस वेदी की दीवार का निर्माण रातों-रात किसी अदृश्य शक्ति द्वारा हुआ था । इस प्रकार यह अतिशय क्षेत्र भी माना जाता है । श्रद्धालु भक्तजनों की मनोकामनाएँ आज भी बाबा पूर्ण करते हैं ।
दि. मन्दिर के निकट यहाँ एक कुआँ व एक बावड़ी है जिनके जल के उपयोग से रोग निवारण होना बताया जाता है।
दि. मन्दिर में प्रतिवर्ष चैत्र कृष्णा अष्टमी से त्रयोदशी तक मेला भरता है । __ अन्य मन्दिर * वर्तमान में इनके अतिरिक्त गाँव में एक और मन्दिर हैं । __ कला और सौन्दर्य * दि. मन्दिर में प्रभु-प्रतिमा की कला अद्भुत व मनमोहक है । ऐसी कलात्मक प्राचीन प्रतिमा के दर्शन अन्यत्र दुर्लभ है ।
भूगर्भ से प्राप्त कुषाणकालीन व गुप्तकालीन कलात्मक प्रतिमाओं व अन्य अवशेषों की कला दर्शनीय है, जो सरकारी म्यूजियम में सुरक्षित हैं । प्राचीन विशाल नगरी के भग्नावशेष इस गाँव के चारों और मीलों में बिखरे नजर आते हैं । यहाँ पुरातत्व प्रेमी यात्री आते रहते हैं ।
श्री पार्श्वनाथ भगवान (दि.)-अहिच्छत्र
मार्ग दर्शन * यहाँ से नजदीक का रेल्वे स्टेशन आँवला 13 कि. मी. हैं, जहाँ पर टेक्सी, आटो की सुविधा है । यह स्थल बरेली जिले के आँवला-शाहाबाद सड़क मार्ग पर स्थित है । बरेली यहाँ से लगभग 50 कि. मी. दूर है । मन्दिर तक कार व बस जा सकती है।
सविधाएँ * 1. दिगम्बर मन्दिर के अहाते में ही विशाल दिगम्बर धर्मशाला है, जहाँ बिजली, पानी, बिस्तर व भोजनशाला की सुविधा है ।
पेढ़ी * 1. श्री अहिच्छत्र पार्श्वनाथ अतिशय तीर्थ क्षेत्र, दिगम्बर जैन मन्दिर, पोस्ट : रामपुरकिला - 243 30 3. जिला : बरेली, व्हाया-आँवला, प्रान्त : उत्तर प्रेदश, फोन : 05823-36418, 36618.
श्री पार्श्वप्रभु जिनालय (दि.)-अहिच्छत्र
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