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इसमें ब्राह्मी, द्राविड़ी भाषाएँ भी हैं । यह बारहवाँ स्तम्भों आदि में उत्कीर्ण कला के दर्शन कर दर्शनार्थी मन्दिर है ।
अपने को कृतार्थ समझता है । बुन्देलखण्ड कला के मन्दिर नं. 6 में पार्श्वनाथ भगवान की प्रतिमा पर लिए मशहूर है ही । लेकिन यहाँ की कला अपना फण नहीं है । प्रतिमा के दोनों बाजू विशाल सर्प बने ।
अलग ही स्थान रखती है । देवगढ़ में एक म्यूजियम हुए हैं ।
भी है, जिसमें विशेष कलात्मक प्रतिमाएँ दर्शनीय हैं । मन्दिर नं. 11 में बाहुबलजी भगवान की मूर्ति अति मार्ग दर्शन * नजदीक का रेल्वे स्टेशन ललितपुर आकर्षक है । यह प्रतिमा ग्यारहवीं सदी की है। यहाँ से 31 कि. मी. है, जहाँ पर बस व टेक्सी की मन्दिर नं. 13 में प्रतिमाओं में उत्कीर्ण केश-कला
सुविधा है । मन्दिर तक डामर सड़क है । कार व बस की 18 प्रकार की विभिन्न शैलियाँ दर्शनीय हैं ।
ऊपर पहाड़ पर जा सकती है । लेकिन यात्रियों को
पहाड़ की तलहटी में स्थित देवगढ़ धर्मशाला में ठहरकर इस प्रकार प्रायः हर मन्दिर में आपको अद्वितीय
जाना सुविधाजनक है, क्योंकि 22 कि. मी. जंगल अद्भुत कलात्मक नमूनों के दर्शन होंगे । मूर्तिकला
पहाड़ी रास्ता है अतः धर्मशाला से सहथियार आदमी यहाँ की मुख्य विशेषता है ।
साथ आता है । अन्य मन्दिर * इस मन्दिर के अतिरिक्त पहाड़ पर
सुविधाएँ * ठहरने के लिए पहाड़ की तलहटी में छोटे-बड़े कुल 39 मन्दिर हैं ।
बड़ी धर्मशाला है, जहाँ पानी बिस्तर बर्तन की __कला और सौन्दर्य * यहाँ की विचित्र कला का कुछ सुविधा है । वर्णन विशिष्टता में दिया गया है । यहाँ की कला का
पेढ़ी *1.श्री देवगढ़ मेनेजिंग दिगम्बर जैन कमेटी, वर्णन करना अत्यन्त कठिन है । यहाँ की मूति-कला गाँव : देवगढ, के दर्शन अन्यत्र दुर्लभ हैं । हजारों प्रतिमाएँ विभिन्न
__ पोस्ट : जाखलोन - 284 407. जिला : ललितपुर, शैली में निर्मित हैं । यहाँ की प्रतिमाओं, शिलापट्टों,
प्रान्त : उत्तर प्रेदश, फोन : 05176-82533.
श्री शान्तिनाथ भगवान जिनालय (दि.) - देवगढ़
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