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________________ श्री पद्मप्रभ भगवान (दि.)-कौशाम्बी प्रभुवीर ने एक बार कठिन अभिग्रह लिया था कि वे उसी के हाथों आहार लेंगे जिसका सिर मुंड़ा हुआ हो, पैरों में बेड़ियाँ हों, एक पैर दरवाजे के बाहर व एक पैर अन्दर हो, आँखों में अश्रु-धारा बह रही हो, राजकुमारी हो व छाजड़े में बाकले लिये बहराने के लिए खड़ी हो । इस अभिग्रह के पूर्ण हेतु प्रभु विचरते रहे । प्रभु द्वारा आहार न लेने के कारण भक्तजन अति व्याकुल थे । सती चन्दनबाला का भाग्योदय होने वाला था । उसे सेठानी द्वारा कठिन दण्ड देकर खाने के लिए बाकले दिये गये । किसी महात्मा को आहार देकर खाने के लिये उक्त प्रकार खड़ी राह देख रही थी कि प्रभु को आते देख फूली न समाई । प्रभु की दृष्टि भी इस अबला पर पडी, परंतु अश्रु-धारा न रहने के कारण प्रभु का अभिग्रह पूर्ण न हो रहा था । अतः ज्यों ही जाने लगे, सती चन्दनबाला की आँखों से अश्रु-धारा बहने लगी । प्रभु ने अपना अभिग्रह पूर्ण हुआ देखकर आहार ग्रहण किया । प्रभु का अभिग्रह पूर्ण होते ही देव दुंदुभियाँ बजने लगी व इन्द्रादि देवों ने रत्नों व पुष्पों की वर्षा की । सती की बेड़ियाँ टूटी, सिर पर बालों के साथ देव मुकुट धारण हुआ । शरीर नाना प्रकार के आभूषणों से सजा पाया । सती चन्दन बाला ने भी प्रभु के पास यही दीक्षा ग्रहण की व प्रभु की प्रथम शिष्या बनने का सौभाग्य उसे प्राप्त हुआ । प्रभु के केवलज्ञान पश्चात यहाँ भी समवसरण रचे गये । मुनि श्री कपिल केवली की भी यह जन्म भूमि हैं । इस प्रकार इस पावन भूमि का इतिहास अत्यन्त ही गौरवशाली है । अन्य मन्दिर * वर्तमान में इन मन्दिरों के अतिरिक्त दो और मन्दिर हैं । नजदिक के गाँव गढ़वा जो यहाँ से 3 कि. मी. दूर हैं, वहाँ एक दि. मन्दिर है। कला और सौन्दर्य * यहाँ प्राचीन नगर के भग्नावशेष मीलों में बिखरे पड़े हैं । एक प्राचीन स्तम्भ है, जिसे श्री संप्रतिराजा द्वारा निर्मित बताया जाता है। मार्ग दर्शन * नजदीक का रेल्वे स्टेशन अलाहाबाद 60 कि. मी. है, जहाँ पर बस व टेक्सी की सुविधा उपलब्ध है । अलाहाबाद से सड़क मार्ग द्वारा सरायअकिल होकर भी रास्ता है जो यहाँ से 18 कि.मी. है । बस व कार मन्दिर तक जा सकती है । विधाएँ * श्वे. मन्दिर के निकट ही एक छोटी श्वेताम्बर धर्मशाला व हॉल है एवं कुछ दूरी पर एक और बड़ी श्वे. धर्मशाला है जिसमें 32 कमरें हैं । भोजनशाला का हाल भी बन चुका है, जहाँ पर शीघ्र ही भोजनशाला चालु होने वाली है । बिजली, पानी जनरेटर की सुविधा है । दि. मन्दिर के निकट भी एक दिगम्बर धर्मशाला है जहाँ बिजली, पानी की सुविधा है । पेढ़ी *1. श्री जैन श्वेताम्बर मन्दिर, पोस्ट : कौशाम्बी-212 214. जिला : कौशाम्बी, प्रान्त : उत्तर प्रदेश । 2. श्री जैन दिगम्बर मन्दिर, पोस्ट : कौशाम्बी - 212 214. जिला : कौशाम्बी, प्रान्त : उत्तर प्रदेश । श्री पद्मप्रभ (श्वे.) मन्दिर - कौशाम्बी 113
SR No.002330
Book TitleTirth Darshan Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
PublisherMahavir Jain Kalyan Sangh Chennai
Publication Year2002
Total Pages248
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size45 MB
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