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सुचरित्रम्
आधार पर संविधान का पूर्ण प्रारूप तैयार किया जा सकता है। तात्कालिक प्रबन्ध से संबंधित कुछ बिन्दु भी इस रूपरेखा में सम्मिलित हैं। 1. इस संगठन का पूरा नाम 'चरित्र निर्माण विजय अभियान' रहेगा तथा 'अभियान' के संक्षिप्त
नाम से इसका उल्लेख किया जाएगा। 2. अभियान का कार्य क्षेत्र पूरा भारतवर्ष होगा। यथावसर कार्य क्षेत्र बढ़ाया भी जा सकेगा। 3. अभियान का एक केन्द्रीय कार्यालय होगा (स्थान का यथासमय निश्चय) और प्रारंभ में केन्द्रीय
अभियान संयोजन समिति मनोनीत की जाएगी जिसमें सात सदस्य होंगे-एक सदस्य संयोजक का कार्य करेगा। यह संयोजन समिति अस्थायी होगी। एक वर्ष के बाद विधिवत् चुनाव हो जाने के बाद स्थायी समिति 'अभियान कार्यकारिणी समिति' अस्तित्व में आएगी। संयोजन समिति के निर्णय यथासमय सर्वसम्मत होने चाहिए-ऐसा नहीं होने पर निर्णय बहुमत से किया जाएगा। 4. इसी प्रकार तात्कालिक व्यवस्था की दृष्टि से जहां-जहां अभियान का कार्य शुरू हो तथा शुरू
होता रहे उन-उन राज्यों में राज्य संयोजक तथा राज्य के उन-उन जिलों में जिला संयोजक
मनोनीत किए जाते रहेंगे। ये मनोनयन केन्द्रीय संयोजन समिति करेगी। 5. केन्द्रीय संयोजन समिति अपने सभी राज्य एवं जिला संयोजकों के सम्पर्क में रहेगी, उन्हें उचित निर्देश देगी, उन्हें कार्य विस्तार हेतु आवश्यक सुविधाएं, सामग्री एवं धन प्रदान करेगी तथा उनसे कार्य की रिपोर्ट लेगी। राज्य संयोजकों पर जिला संयोजकों के काम को देखते रहने का विशेष
दायित्व होगा। 6. जिस राज्य में उसके जिलों की दस प्रतिशत संख्या में यदि जिला संयोजक मनोनीत हो जाएंगे तो
राज्य के अकेले संयोजक के स्थान पर पांच सदस्यों की संयोजन समिति जिला संयोजकों में से बनाई जाएगी जो केन्द्रीय संयोजन समिति का काम होगा। इसी प्रकार जिले में तहसीलों की दस प्रतिशत संख्या में तहसील संयोजक मनोनीत हो जाए तो जिले में अकेले संयोजक के स्थान पर तीन सदस्यों की संयोजन समिति बनाई जाएगी जो काम राज्य संयोजन समिति करेगी। नीचे से
ऊपर तक का संबंध व्यवस्थित रूप से अभियान को सशक्त बनाता रहेगा। 7. तात्कालिक प्रबन्ध के लिए मनोनीत सदस्यों की चारित्रिक प्रामाणिकता एवं न्यायप्रियता की
विशेष ख्याति होनी चाहिए। 8. एक वर्ष बाद चुनाव प्रक्रिया संचालित की जानी चाहिए। चुनाव का क्रम इस प्रकार होगा(अ) प्रत्येक ग्राम, नगर या तहसील स्तर पर एक साधारण समिति बने जिसमें 'चरित्रशील'
अलंकरण से युक्त सभी सदस्य होंगे तथा उतने ही सदस्य चारित्रिक प्रतिष्ठा वाले संबंधित क्षेत्र के लोगों में से लिए जावें। यह साधारण समिति अपने क्षेत्र में अभियान का कामकाज संचालित करेगी। ये सभी सदस्य जिला साधारण समिति के अपने प्रतिनिधित्व के लिए
दस प्रतिशत प्रतिनिधि चुनकर भेजेंगे। (ब) ग्राम, नगर या तहसील समितियों से चुन कर आए प्रतिनिधियों से जिला साधारण समिति
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