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नव-जागरण का बहुआयामी कार्यक्रम
ररत कर आशा और प्रेरणा, इसको शिरवर चढ़ा पाएं तब ही सच्चा ज्ञान है, यही 'विजय' अभियान है
चरित्रनिष्ठ नियमों... || 6॥ 2. छात्रों को संदेश देने वाला गीत :
(तर्ज : नगरी-नगरी द्वारे-द्वारे...) देखो, देखो छात्रो! अपना अपने से निर्माण है. उम मिली है प्यारी इसमें, जगे शक्ति महान है
देखो, देरवो छात्रों.... चरित्रनिष्ठ जो छात्र हुए हैं, उनने किए कमाल हैं क्या वैज्ञानिक, क्या वे साधक बने यहां बेमिसाल हैं भारत की क्या पूजा रहा है, उनको सकल जहान है
देखो, देवो छात्रों... ||1|| श्वेत वस्त्र सम निर्मल मन है, जीवन उज्ज्वल कहलाता उस पर जैसा रंग चढ़ाना, वैसा ही है चढ़ जाता दुर्गुणों के लगे न धब्बे , रखना हरदम ध्यान है
देखो, देवो छात्रों... | 2॥ मिट्टी का घर जब तक कच्चा, चाहे जैसा रंग करो पकने पर फिर नहीं हो पाता, देख के अपना ढंग वरो अच्छे बुरे जीवन की बस, करना सद् पहचान है
देखो, देवो छात्रों... || 3॥ चरित्र है जिसका उज्जत, यहां पर वही सदा पूजा जाए क्या पूजें पद और प्रतिष्ठा, क्या पैसा सम्माना जाए चरित्र ही सच्ची पूजा है, यह रिवना सच्चा ज्ञान है
देखो, देवो छात्रों... ||4|| सारी जिम्मेदारी जग की, आज तुम्हारे कंधों पर है नाज तुम्हारे ही जीवन से, टिकी नजर तुम बंदों पर है उत्थान तुम्हारा तो फिर जग का भी उत्थान है
देवो, देवो छात्रों... ||5|| नशा नाश कर देता सबका, सदा दूर ही रहना है दार्विचार, दर्व्यसन सभी से नाता अपना तजना है संयमशील, सदाचारों का 'विजय' नित्य अभियान है
देखो, देवो छात्रों... || 6॥
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