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________________ मानव चरित्रशील बनेगा तो समग्र समाज सृजनशील समाज के विकास की बुनियाद : चरित्रवान व्यक्ति मा नव चरित्रशील बनेगा तो अवश्य बनेगा समग्र समाज 'सजनशील-यह कोई सामान्य कथन नहीं. इतिहास का अनभत सत्य है। और चाहे उस मानव की चरित्रशीलता प्रारंभ में एकाकी ही रहे पर वह यदि प्रगाढ. प्रबल एवं प्रेरणास्पद होंगी तो उसका प्रभाव समग्र समाज पर पडे बिना नहीं रहेगा तथा शुभ परिवर्तन का चक्र घूमेगा ही। आधुनिक भारत को स्वतंत्रता-संघर्ष के समय को स्मृति में लावें तो क्या यह सही नहीं है कि अकेले महात्मा गाँधी की चरित्रशीलता ने पूरे भारत को प्रभावित किया तथा करोड़ों लोगों को एक व्यक्ति के रूप में जोड़ दिया और जगा दिया। यहाँ इतिहास का एक उदाहरण देते हैं राजा श्रेणिक का, जिन्होंने अपनी लघुवय और गहन दायित्व के उपरान्त भी पूरे मगध राज्य में वह चारित्रिक परिवर्तन तथा बहुआयामी उन्नयन कर दिखाया जो तत्कालीन राजाओं के लिये संभव नहीं हो सका। ___मगध नरेश महापद्म मृत्यु शय्या पर लेटे थे। उन्हें अपनी मृत्यु का कोई विचार नहीं था, चिन्ता थी तो अपने राज्य के सुशासन की और अपने पन्द्रह वर्षीय राजकुमार बिम्बिसार की कि दोनों का भविष्य क्या सखद हो सकेगा? 175
SR No.002327
Book TitleSucharitram
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVijayraj Acharya, Shantichandra Mehta
PublisherAkhil Bharatvarshiya Sadhumargi Shantkranti Jain Shravak Sangh
Publication Year2009
Total Pages700
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size23 MB
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