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98) दूध जलता है पानी जलने के बाद, आदमी ख : खाना (अन्न) रोता है, वक्त निकलने के बाद ।
ग : गुमाना (आयु) 99) नाथ के बिना का बलद (बैल) नियम के | 111) गरमी सूरज से निकलती है, तपना धरती बिना का मर्द, दोनों समान होते है ।
को पड़ता है। कर्म काया से होता है, भुगतना (स्वच्छंद)
आत्मा को पड़ता है ।। 100) जीवन में हवा बदलने से नही, मन बदलने | 112) कल का दिन किसने देखा, आज का दिन से ही, कल्याण होगा।
आँसू आए क्यूं ? जिन घड़ियों में हँस 101) जीवन को दर्पण जैसा बनाओ, दर्पण सबको | सकते हो, उन घड़ियो में रोए क्यूं । स्वीकार करता है, परन्तु संग्रह नहीं करता 113) ऊँचे स्थान में बैठना सभी चाहते हैं, परन्तु
ऊँचा बनने की चाहना, न करने से ही 102) जीवन को बुलडोज़र नहीं, परन्तु पानी
कल्याण होगा। का कुंजा बनाओ । बुलडोज़र नष्ट करने 114) प्रभाव प्रकट करे तो "संसारी", स्वभाव के काम आता है । और पानी का कुंजा प्रकट करे तो “सन्त"। प्यास बुझाने के काम आता है।
थके बिना का विश्राम व पके बिना फल में 103) जीवन में क्षमापना हार्ट से करना, मात्र मिठास, इन दोनों में आनंद नहीं आएगा। कार्ड से नहीं।
116) COMPARISION और COMPETITION छोड़कर 104) बोलने में बहुत मुश्किल से निकलने वाले COMPROMISE करने वाले को समाधि प्राप्त तीन शब्द है “मेरी भूल हुई" |
होती है। . 105) सुखी बनना हो तो जीभ को शुगर फैक्ट्री | 117) भूतकाल से सीखो, सुन्दर भविष्य की कल्पना • बनाओ और मगज को आईस फैक्ट्री करो, परन्तु वर्तमान में जीयो । बनाओ।
118) कर्म के उदय को स्वीकार करो, तत्व पर 106) खोटी प्रशंसा जीव को अच्छी लगती है, विचार करो, गुणों का सत्कार करो । परन्तु सच्ची टीका भी बुरी लगती है।
119) शिक्षण व संस्कार जीवन रथ के दो पहिए 107) नयन से आंसू निकलता है तो दुःख घटता हैं, संस्कार बिना शिक्षण, तेल बिना दीपक
है, परन्तु हृदय से आंसू निकलते है तो, समान है। पाप धुलता है।
120) हमारा वर्तमान काल, हमारे भूतकाल का 108) जैसे डॉक्टर को तन के दोष बताते हैं,
प्रतिबिम्ब है, और हमारे वर्तमान के परिणाम वैसे ही गुरुदेव को मन के दोष बताना ही भविष्य के बीज है। चाहिए।
121) अच्छे दिखने के लिए सम्पत्ति की जरुरत 109) मानव सफलता को अपनी होशियारी मानता है । परन्तु अच्छा बनने के लिए तो संयम
है, और निष्फलता को नसीब मानता है । की ही जरुरत है। - 110) संसार क.ख.ग
122) पुण्य की गारण्टी : जिन्दगी भर आँख में कः कामना (धन)
रोग न होवे, रोशनी तेज बनी रहे।