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32) आज तू जो कुछ भी है, वो माँ की बदौलत | 36) ।। माँ | मातृदेवो भव ।। है क्योंकि तुझे जन्म दिया, माँ तो देवी है। ।
1) तेरा स्वर्ग तेरी माता के चरणों मे है । गर्भपात कराके वह राक्षसी नही बनी। इतना
2) सन्मार्ग पर ले जाने वाली, तो सोच !!! 33) विश्व की तमाम भाषाओं में जिसके गीत-काव्य
परमात्मा के मार्ग को बताने वाली, रचे गए है, वह तुम्हारे घर में है,
दिव्य दृष्टि का दान देने वाली, वात्सल्य का करुणा सागर महावीर ने जिन्दगी की पहली
पान कराने वाली “माँ” तुझे लाख लाख प्रणाम प्रतिज्ञा
धर्म करोगे तो स्वर्ग पाओगे, जिसके लिए की थी, (ली,थी) वह तुम्हारे घर "माँ" कहोगे तो ममता पाओगे में है।
4) ईट और पत्थर से मात्र, मकान बनता है, श्री राम जिनके चरणों में झुके जाते थे,
परन्तु घर तो सिर्फ माँ की ममता से बनता वह तुम्हारे घर में है। सागर से अधिक गंभीर
5) वह दीप जलेगा कैसे ? जिसके भीतर तेल हिमालय से अधिक ऊँची
नहीं, वह फूल खिलेगा कैसे ? जिसके मूल व आसमान सी असीम जो है
मे रस न हो, उनका जीवन चलेगा कैसे? वह तुम्हारे घर में है ....
जिनके दिल में माँ के प्रति प्यार नहीं । कौन ??? नहीं आया ध्यान में ? 6) हर दिन नया है, हर रात निराली है दूसरा और कोई नहीं है
माँ का प्यार मिल जाये वह है
तो हर रोज दिवाली हैं। "माँ"
7) माँ मानव की प्राथमिक पाठशाला है, 34) माँ को जानने वाला ही महात्मा को जान |
जो एक पुरुष को महापुरुष बना सकती है। सकता है,
8) जिस माँ ने जन्म का माँ को जानने वाला ही परमात्मा को जान सकता है, रे... महात्मा एवं परमात्मा वही
न समय देखा न मुहूर्त बन सकता है जो
उसका नासमझ पुत्र देख रहा है माँ को पहचान सकता है ।
माँ को वृद्धाश्रम भेजने का मुहूर्त । 35) माँ पूर्ण शब्द है
संतान के सुख में सुखी और महा विद्यालय है,
दुःख मे जो दुःखी हो जाती है वह यह बीज मन्त्र है
सिर्फ और सिर्फ माँ हैं। हर सर्जनता का आधार है माँ
10) माता-पिता आपके जन्मदाता ही नही, मन्त्र, तन्त्र व यन्त्र की
जीवन दाता और संस्कार दाता भी है । सफलता की नींव है
11) तप से तन की, जप से मन की,
और प्रार्थना से आत्मा की शुद्धि होती है ।