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मा-बाप 1) जिसे कोई उपमा न दी जा सके, उसका
नाम है "माँ" जिसके प्रेम को कभी पतझड स्पर्श न करे, उसका नाम है "माँ" जिसकी कोई सीमा नही, उसका नाम है "माँ" ऐसी तीन माँ है परमात्मा, महात्मा और माँ हे युवक! प्रभु को पाने की पहली सीढ़ी है माँ जो, तलहटी की अवगणना करे वो शिखर को प्राप्त करे, यह शक्य नहीं । ऐसी माँ की अवगणना करके हजारो माला गिनकर अनेक तीर्थों की यात्रा कर, सन्तों के दर्शन कर - भी हम प्रभु को प्राप्त करे, यह बात बहुत ही दूर हैं।
___ और आँसू आते है। 7) माता-पिता क्रोधी हैं,
पक्षपाती हैं, शंकाशील हैं। ये सारी बाते बाद की है पहली बात तो यह है कि
है तो माँ - बाप ! 8) संसारता की दो करुणता सबसे बड़ी है
माँ बिना का घर
और घर बिना की माँ 9) माँ तूने तीर्थंकरो को जना है,
संसार तेरे ही दम से बना है, तू मेरी पूजा है,मन्नत है मेरी,
तेरे ही कदमों में जन्नत है मेरी, 10) बँटवारे के समय घर की हर चीज के लिए
झगड़ा करने वाले बेटे, दो चीज के लिए उदार बन जाते है, जिसका नाम है - माँ
- बाप ! 11) प्रेम को साकार होने का दिल हुआ और माँ
का सर्जन हुआ। 12) जो मस्ती आँखो में है, मदिरालय में नहीं
शीतलता पाने को कहाँ भटकता है मानव !
जो है माँ की गोद में वो हिमालय में नहीं। 13) डेढ़ किलो दूधी, डेढ़ घन्टे तक
उठाने से तेरे हाथ दुःख जाते है, माँ को सताने से पहले इतना तो सोच.... तुझे नौ-नौ महिने पेट में
कैसे उठाया होगा? 14) बचपन के आठ साल तुझे उंगली पकड़कर
जो माँ - बाप स्कूल ले जाते थे उस माँ-बाप को बुढ़ापे में आठ साल
3) ऊपर जिसका अन्त नही
उसे आसमाँ कहते है। जहाँ में जिस का अन्त नहीं उसे माँ कहते है। तूने जब धरती पर पहला श्वास लिया तब तेरे माता-पिता तेरे पास थे, माता पिता अन्तिम श्वास ले तब तूं उनके पास रहना ! जब छोटा था तब माँ की शैय्या गीली करता था, अब बड़ा हआ तो माँ की आँखे गीली रखता है, रे पुत्र ! तुझे माँ को गीलेपन में
रखने की आदत हो गई है। 6) माँ!
पहले आँसू आते थे और तूं याद आती थी। आज तूं याद आती है,