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292. उससे भी मोह का उपशमी गुण स्थानी | 305. बाह्य तप अन्तरंग तप में वृद्धि करता है,
जीवों की निर्जरा असंख्यात गुणी अधिक आभ्यन्तर तप के बिना अकेला बाह्य-तप होती है।
पूर्ण कर्म निर्जरा करने में असमर्थ है। 293. उससे भी क्षीण मोहनीय 12वाँ गुण स्थानी 306. अनशन = रागादि त्याग सहित चारों आहार जीवों की निर्जरा असंख्यात गुणी होती का त्याग अनशन कहलाता है।
307. ऊनोदरी = भूख से कम खाना तथा कषायों 294. उससे भी सयोगी केवली जीवों की निर्जरा को घटाना ऊनोदरी तप है। असंख्यात गुणी होती है।
308. वृति संक्षेप = इच्छाओं को घटाना। भिक्षाचारी 295. उससे भी अयोगी केवली जीवों की निर्जरा से जीना भिक्षाचार्य है। असंख्यात गुणी होती है।
309. रसपरित्याग = रस (स्वाद) विजय हो तथा 296. 14वें गुण स्थान के अन्त में सम्पूर्ण कर्म संतोष वृति बढ़ाती हो। क्षय होते ही मोक्ष होता है।
310. काया क्लेश = कठोर आसनादि आतापना 300. तप से निर्जरा होती है, पूर्व कर्मो का क्षय, सेवन। आत्म शुद्धि योग, निशेष, अक्रियता तथा
311. प्रति संलीनता = चित्त की व्याकुलता को सिद्धि-मुक्ति होती है।
दूर करता है, विविक्त शैय्या सेवन तथा 301. छह बाह्य तपों से शरीर शक्ति, स्वाद इन्द्रियों को वश करना। लोलुप कष्ट सहिष्णुता की लालसा आदि
312. प्रायश्चित : आत्मा का शुद्धि करण होता है। छूट जाते है।
भूलों की स्वीकृति तथा तपश्चरण करने 302. बाह्य तप में बाह्य द्रव्यों की अपेक्षा रहती है। रुप। सर्व जन मानस में बाहर से पता लग जाता
313. विनय : अहंकार दूर होता है तथा लोकोपचार है, इसका प्रभाव सीधा शरीर पर पड़ता
विनय सहित आत्मा नम्र बन जाती है। .
314. वैय्या वच्च : सम्यगदर्शन शुद्धि, प्रभावना 303. बाह्य तप वह है - जिससे जीव पाप की
जिन नाम की प्राप्ति, समाधि बढ़ती है। तरफ प्रवृत नहीं होता है, जो आभ्यन्तर
315. स्वाध्याय : ज्ञानावरणीय कर्म की निर्जरा तप की तरफ रुचि बढ़ावे तथा स्वाध्याय
तथा समझदार बन जाता है। आदि में बाधा न डाले।
316. ध्यान : धर्म ध्यान, शुक्ल ध्यान में जीना 304. आभ्यन्तर तप के भी 6 भेद होते है,
तथा मन की एकाग्रता बढ़ती है। आभ्यन्तर तप में बाह्य द्रव्यों की अपेक्षा न रहे, इस तप में अन्तरंग परिणामों की | 317. व्युत्सर्ग : ममत्व मात्र का त्याग। अकिंचन मुख्यता रहती है। स्व सम्बन्ध मन का नियमन
भाव । तथा जो मुक्ति का अंतरंग कारण हो, वे | 318. योग और कषाय से कर्मों का बंध होता आभ्यन्तर तप कहलाते है।