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है।
107. मिथ्यात्व महा पाप है, महा अधर्म है। | 123. शुभ फल रुप पुण्य कहलाता है, जिसे 108. मिथ्यात्व की निश्राय में ही 18 पापों का
कठिनाई से बांधा जाता है, पुण्य रुप भोग संरक्षण होता है।
शुभ फल देता है। 109. मिथ्यात्व नशे के समान ‘महा-व्यसन' है।
124. पुण्य बंध 9 प्रकार से होता है तथा 42 110. बिना मिथ्यात्व के संसार परिभ्रमण यह
प्रकार से भोगा जाता है। जीव नहीं कर सकता है
125. यथा 9 प्रकार - 1. अन्न 2. पाण 3. लयन
4 शयन (पाट-पाटले) 5. वस्त्र 6. शुभ मन 111. मिथ्यात्व एक प्रकार की 'महाभ्रमणा' है।
7. शुभवचन 8. शुभकाया (सेवादि) 9. 112. मिथ्यात्व एक 'महारोग' है।
नमस्कार पुण्य। 113. मिथ्यात्व एवं झूठ इन दोनों में मजबूत | 126. संयमी आत्मा को ये 9 पुण्य दान करने से मेल होता है।
महान लाभ मिलता है। जीव अपना संसार 114. मिथ्यात्व खोटे दिशा सूचक-यन्त्र के समान परित करता है।
127. अनुकंपा दान देने की तीर्थंकर भगवान की 115. अज्ञान व मोह में मिथ्यात्व की अभिवृद्धि मनाई नहीं है। जबरदस्त रूप से होती है।
128. हाथी ने खरगोश की रक्षा अनुकंपा भाव से 116. मिथ्यात्वी स्वयं तो संसार में परिभ्रमण करता करके सम्यक्त्व प्राप्त किया तथा बाद में
ही है, औरों को भी मिथ्यात्वी बना सकता है। मनुष्य बनकर संयम प्राप्त किया। 117. मिथ्यात्व के प्रमुख रुप से 5 भेद, 10 भेद | 129. अनुकंपा भाव सम्यक दृष्टि का लक्षण है। व 25 भेद बताए गए है।
130. शरीर धारी (औदारिक) का जीवन अन्न 118. कर्मों की भारी सजा के कारण ही नरक से पानी के बिना लम्बे काल तक नहीं रह भी भारी भयानक "मिथ्यात्वी” बनता है।
सकता। अवदशा मिथ्यात्व ही है।
131. यदि एकांत रुप से संयमी को आहार पानी 119. मिथ्यात्वी का क्षेत्र सम्पूर्ण 14 रज्जू लोक बहराने में लाभ-धर्म है, तो फिर (उपकारी) में फैला है।
माता पिता, बड़े बुजुर्गो एवं अनुकंपा भाव 120. मिथ्यात्व स्वयं है तो अजीव, परन्तु प्रभाव
से मानव या पशु योनि के उन जीवों जिनका रहता जीव में है।
दूध हम पीते है क्या? उपकारियों आदि की
सेवा आदि से साता पहुँचाने पर पाप बंधेगा? 121. पुद्गलों में सबसे निकृष्ट पुद्गल मिथ्यात्व
(चिन्तनीय विषय है)......। (मोहनीय) कर्म के होते है।
132. जीवन चाहे संयमी का हो या श्रावक का या 122. सत्संग (जिनवाणी) का प्रथम प्रहार
अव्रती का, क्या सेवा से पुण्य नहीं बंधता मिथ्यात्व को तोड़ने के लिए होता है तथा
होगा? सम्यक्त्त्वी प्रकाश प्रदान करना होता है।