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म एक कदम अपनी ओर है विषय : अन्तगड़ सूत्र वाचना एवं विवेचना
1. आत्मा के समीप आने का नाम “पज्जुसण” | 16. टूटे मनों व दिलों को जोड़ने वाले का
___solution का नाम है, पज्जुसण। 2. चारित्र धर्म की आराधना का पर्व है, | 17. आधि-व्याधि-उपाधि को दूर करके समाधि “पज्जुसण"।
में ले जाने का काम करता है, पज्जुसण। 3. आत्मा के विकास का नाम है, पज्जुसण। 18. विराधना से आराधना में ले जाने काम 4. कषायों का (उपशम) करता है, पज्जुसण।
करता है, पज्जुसण।
19. क्रोध-द्वेष के कारण बाहर भटक रही आत्मा 5. सौहार्द व सामूहिक क्षमा का पर्व है,
को शांति, सुख, क्षमा आदि गुणों को पज्जुसण।
देने वाला पर्व है, पज्जुसण। 6. क्षमा से आत्मशक्ति व सहन शक्ति बढ़ाने
20. जिस प्रकार गन्ने के बीच में गांठे (पोर) का नाम है, पज्जुसण।
होती है, परन्तु दो पोर के बीच में मीठा रस 7. अतिक्रमण से प्रतिक्रमण में जाने का मार्ग भी होता है उसी प्रकार दो आत्माओं के है, पज्जुसण।
बीच (क्रोध रुपी गांठ के बीच) क्षमा रुपी 8. गांठे खोलने का पर्व है, पज्जुसण।
अमृत भी रहा होता है, यदि गांठे छोड़कर
गंडेरी (बीच का टूकड़ा) को कोई चूसता है 9. मैत्री व प्रीति बढ़ाने का पर्व है, पज्जुसण।
तो उसे मीठे रस का आस्वाद मिलता है 10. आत्मा को संवारने का पर्व है, पज्जुसण।
ना? (क्षमा रुपी रस)। 11. तीर्थंकर सहित सकल संघो का आराधना
21. सभी पर्वो का राजा पज्जुसण है, संवत्सरी पर्व है, पज्जुसण।
की तैयारी हेतु सात दिन पूर्व के निर्धारित
किये गये है, कुल आठ दिन का है यह 12. इन्द्रिय दमन व विषय वमन का नाम है,
पज्जुसण। (अष्टाह्निका पर्व)। पज्जुसण।
22. जिस प्रकार कपड़ो के मैल को पानी व 13. सेवा-सहयोग, विनय-वंदन का नाम है,
साबुन से धोकर साफ किया जाता है, उसी पज्जुसण।
प्रकार आत्मा पर लगे मैल को तप संयम से 14. विभाव से स्वभाव में आने का नाम है, | दूर किया जाता है। पज्जुसण।
23. पज्जुसण पर्व समस्त मानव जाति के 15. अहम् ego, जो सबसे बड़ा दुश्मन है उसे लिए उपहार है, जो दुःख-दारिद्र, रोक. तोड़ने-हटाने का पर्व है, पज्जुसण।।
शोक तथा समस्त विराधनाओं का अन्त