________________
बढ़ती जा रही है। पैदल चलना घटने से जीवन में भयानक परिवर्तन आया है। उससे तरह तरह के रोग तथा समस्यायें बढ़ी है...
K) वजन बढ़ा “बैठक" से, जब वजन
बढ़ गया तो पैदल चलना महा मुश्किल हो जाता है, फिर Gift रूप में रोग मिलने शुरु हो जाते है जैसे साँस (अस्थमा), गैस, हार्ट, अल्सर आदि। शरीर का वजन अधिक बढ़ने से अनेक रोग व शारीरिक समस्याएँ बढ़ गई
Z
M) विहार यात्रा में नहीं जा सकता है। N) गोचरी आदि में सेवा नहीं कर सकता
है। 0) शरीर की बाह्य सुन्दरता बिगड़ जाती
A) शरीर की लम्बाई के अनुपात में वजन
बेहिसाब (युवा व बाल वर्ग) में बढ़ता जा रहा है। टी.वी, कम्प्युटर ने सबका
चलना घटा दिया है। B) छोटे बड़ो में आंखो की रोशनी घट
रही है। C) घुटनो में दर्द अधिक वजन के कारण
बढ़ रहा है। D) टी.वी अधिक देखने से विचारों का
पतन हो रहा है। E) कोलेस्ट्राल बढ़ रहा है! हार्ट अटैक
की संभावना बढ़ जाती है। F) बैठक बढ़ने से गैस की बीमारी बढ़
गई है, स्वयं का शरीर ही स्वयं को
संभालना मुश्किल हो रहा है। G) आज का आदमी आलसी बनता जा
रहा है। H) “उबासियाँ खाने” की बीमारी बढ़ रही
है।(उबसियों से पेट भरने वालों के लिए) शायद भोजन खाने की जरुरत
न रहे? 1) पैदल चलना प्रायः घटता ही जा रहा
P) भावी पीढ़ी कोभी “मोटापा” Gin में
मिल जाता है। Q) भारत में अरबों-अरबों रुपयों का
व्यापार मात्र वजन घटाने के लिए
हो रहा है। R) पहले शरीर को हम भारी बनाकर,
पीछे वजन घटाने के चक्कर में पड़ते
s) आग लगने पर कुआँ खोदने वाली
कहावत हो गई है। T) अधिक व अहितकारी भोजन से भी
वजन बढ़ता है। U) उठने, बैठने भोजनादि की समस्याएं
बढ़ती है। v) भारी वजन वालों की सगाई-सगपण
में भी बाधाएँ खड़ी हो रही है।
“जयं चरे" यतना से पैदल चलने वाला ही चल सकता है, गाड़ियों में चलने वालों के लिए चलने में यतना असंभव होती है, त्रस जीवों की भी विराधना होती है।