SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 22
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ आद्य संग्रह सृष्टि: श्री सुत्र विनय स्वाध्याय मंडल, दिल्ली संपर्क : ०११-२२५८४५२७ जंबूद्वीप से नंदीश्वर द्वीप असंख्य द्वीप समुद्र रति कर रति मख HA अंजन है गिरिव राधा राधा रखा इक्षरसका स्ना रति कर रति कर पर्वत संदीश्वर सामुद्र ४०९६ लक्षयोजन १०२४ लक्षयोजन जून वर समुद्र ४८१६३६४२२५६११ लायो albuaa New भात" समुद्र पर्यान्ता दधिमुख अंजनी गिरि अंजन तिगिरि A HAR Rधा डद्वान Veim ३. पुस्तक शाशत जिन करभरद्वाज चेश्य वारुणी ार द्वाप ४ अंजन गिरी १६ दथि मुख ३२ रति कर १.ऋषभानन २. चंद्रा नन ३. वर्धमान ४. वारिषेण ५.क्षीर वर द्वीप ६. घृत वर द्वीप नंदीश्वर ___७. इथु रस द्वीप रति कर पर्वत । द्वीप-८ रति कर पर्वत दी . ME दधिक अजन A रति कर पर्वत रति कर पर्वत दधि मुख चित्रांकन सम्पूर्णा आदि ਟੀ शिविराचार्य प.पू.श्री विनय मुनिजी म.सा. "खीचन" का चातुर्मास सन् 2006 मणिबेन कीर्तिलाल मेहता आराधना भवन, कोयम्बतुर
SR No.002325
Book TitleVinay Bodhi Kan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaymuni
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sangh
Publication Year2014
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy