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108. 'अहा' के साथ 'आह' का भी ध्यान रखें। | अतः सब जमाने को खराब कहते हैं। 109. आग लगाने वालों के बाग नहीं लगते। 121. नवग्रहों से भारी ग्रह - परिग्रह खुब सोचें।
122. कठिन है अपनी बेटी पर अनुशासन करना, 110. रहे ज्यां भलाई, प्रभु त्यां रहे छे, बुराई
उससे भी ज्यादा कठिन है अपने बेटे पर नथी ज्यां, प्रभु त्यां रहे छ।
अनुशासन करना, और बहुत कठिन है अपनी 111. आतम जागो ने हवे, शांति नहीं रे मले। पत्नी पर अनुशासन करना परन्तु सबसे 112. करमने लीधे हूँ दुःखी थाउं छु, छता पण
कठिन है अपने स्वयं पर अनुशासन और
नियंत्रण रखना। बुरा कर्मो कर्ये जाऊं छं. 113. मरतां समे मुखेथी भगवन जो भुलाशे,
| 123. विश्वास : विश्वास ही मानव-जीवन में सबसे जीवड़ो क्यां जाशे?
बड़ी शक्ति है। विश्वास का बल ही मनुष्य
को संकटो से पार करता है, उसे लक्ष्य पर 114. भक्ति करतां छुटे मारा प्राण - प्रभुजी एवं
पहुँचाता है। दृढ़ विश्वास कभी हारता नहीं, मांगु छु।
विश्वास अपने आप में अमर औषध है। विश्वास 115. 'कुसंग' एक जहर है। कुसंग से सदैव दूर जीवन है और अविश्वास मृत्यु। रहे ।
124. धर्म = धर्मगुरुओं द्वारा बताया गया वह रास्ता 116. SIX MISTAKES OF MAN
है जिस पर हमें चलना है। The illusion that personal gain is made up of crushing others.
125. प्रार्थना = ईश्वर से बात करना प्रार्थना है। The tendency to worry about things that प्रार्थना में हम ईश्वर से यही तो कहते है कि cannot be changed or tolerated.
अपने जैसा बनालो। Insisting that a thing is impossible because we cannot accomplish it.
126. साधना = ईश्वर के द्वारा दी गई शिक्षा को Refusing to set aside trivial differences.
सुनते हैं मानते हैं, चारित्र में उतारते हैं, Neglecting development and refinement of
तो ये साधना है। the mind and not acquiring the habit of reading and study.
127. मंदिर मन - मन के मैल को विकारो को Attempting to compel others to believe and live as we do.
विसर्जित करने का स्थान है, जहाँ अपनी 117. महंगी से महंगी यदि कोई चीज है तो
कमियों गलतियों आदि पर चिन्तन-मनन वह 'मुफ्त है अतः मुफ्त का कुछ न लें।
किया जाता है। 118. केवल गति न बढ़ायें, गुणवत्ता भी बढ़ायें।
128. प्रतिक्रमण - दिन भर में की गई गलतियों
पर विचार कर उनके लिए 119. जीतना सीखे, पर हारने पर संभलना भी
माफी मांगना। सीखे।
129. साधु - साधु का काम मानव मन 120. सुनलो भाई: खुद को खराब कहने की
के मैल की सफाई करना - हिम्मत नहीं।