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78. भाई-भाई का आपस में लड़ना, खून का | 94. लाख रुपये भी (रोजाना) घरमें आये तो अपने ही खून से टकराना है।
भी घर को महफिल न बनने दें। 79. अनर्गल बोलने वाला किसी भी अर्थ में | 95. सूर्योदय के पश्चात सोनेवाला स्वास्थ्य व विद्वान नहीं कहला सकता।
साधन खोता है। 80. मेइन प्रोडक्ट आत्म धर्म है तो पुण्य रुपी | 96. मरना कोई चाहता नहीं और चाहते हुए भी बाय प्रोडक्ट (घास) तो मुफ्त में ही मिलती मौत टलती नहीं।
97. रिश्तों को निभाना सीखें। 81. जिन्दगी में बहादुरी की जरुरत कभी कमी पड़ती | | 98. जो दूसरों का दुःख दूर करने के लिए
है, समझदारी की जरुरत हर समय होती है। अपने सखों का त्याग करता है. वही मानवता 82. भगवान को सब मानते है; भगवान की | के मंदिर का अखण्ड दीप है। कोई नहीं मानता।
99. स्वार्थी व्यक्ति पहले भाई की तरह व्यवहार 83. परिस्थिति से अधिक मनःस्थिति दोषी है। । करता है, फिर मित्र की तरह और बाद में 84. शान्ति, जीवन का सबसे बड़ा वैभव है।
शत्रु की तरह।
100. कोई कितना भी सम्पन्न क्यों न हो, उसे 85. सफर करे। सफर (Suffer) नहीं।
हराम की रोटी नहीं खानी चाहिए। 86. पीछे वालों पर हँसो मत, आगे वालो से
101. पापीने तूं प्यार करी ले, पापीनो उद्धार जलो मत।
थशे। 87. फूल में महक होती है... व्यक्तित्व में चमक
तारा नामे, धर्म तणो दुनियामां जय जयकार होती है।
थशे।। 88. कैसे भी, किसी भी रास्ते से वैर को
102. किसी का मत बिगाड़ो, किसी से मत बिगाड़ो, मिटाइए।
किसी पर मत बिगड़ो। 89. जो मन की माने वह संसारी और जो मन
103. चिंतन करें क्या करना?What to do? किस को मना लेता है वो संत।
कारण करना? Why to do? किस प्रकार 90. भीड़ भाड़ में क्या चलना, भीड़ चले पीछे करना? How to do? तो क्या कहना।
104. मनुष्य परस्पर मनुष्य के सत्य पर विश्वास 91. दिल जीत लेने वाली मुस्कुराहटों का नाम
करता है। जिन्दगी है।
105. जो गलती नहीं कर सकता वो कुछ नहीं 92. जहाँ नम्रता से काम निकल जाए, वहाँ कर सकता । (छदमस्थ) उग्रता नहीं दिखानी चाहिए।
106. खामोशी को सुनना, खामोशी से सुनना। 93. मुस्कान बड़ी-बड़ी मुश्किलों को आसान
107. शिक्षक की शिक्षा से शिष्य में शिष्टता आती बना देती है।