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( क्रोध-पर-बोल
28. क्रोध में व्यक्ति को होश नहीं रहता है।
29. क्रोध सदा दुःख देता है। 1. क्रोध विष है।
30. क्रोध में आत्महत्या करता है | 2. क्रोध निपट पागलपन है ।
31. पल भर में क्रोध का असंतुलन जीवन में 3. क्रोध एक मूर्छा है।
अभिशाप बन जाता है। 4. क्रोध अग्नि की भट्टी है।
32. क्रोध के गिरफ्त में आने वाला सुखी कैसे
रह सकता है ? जैसे ... 5. क्रोध एक भाव है। 6. क्रोध एक विक्षिप्तता है ।
बिच्छु के डंक में और आराम ? 7. क्रोध दुःख की अन्तहीन कथा है ।
सर्प के दंश में और अमृत ?
अग्नि के स्पर्श में और शीतलता? 8. क्रोध तात्कालिक पागलपन है । 9. क्रोध क्षय रोग है।
33. क्रोध हत्यारा है । 10. क्रोध असंतुलन है।
34. क्रोध हिंसक है। 11. क्रोध मनोविकार है।
35. क्रोध क्रूर है। 12. क्रोध भयंकर है।
36. क्रोध कठोर है। 13. क्रोध भयास्पद है।
37. क्रोध में करुणा नहीं होती है। 14. क्रोध कुरुप है।
38. क्रोध में दया नहीं होती है। 15. क्रोध अन्धा है।
क्रोध व करुणा में वैर है । 16. क्रोध हिंसक है।
क्रोध में विकास नहीं, विनाश है। 17. क्रोध बहरा है।
41. क्रोध में प्यार नहीं, मार है । 18. क्रोध गूंगा है।
42. क्रोध को मैत्री व प्यार से जीता जा सकता है।
क्रोध पर विजय ही विश्व मैत्री का कारण हो 19. क्रोध विकलांग है।
सकता है। 20. क्रोध नरक का द्वार है।
मनुष्य की शोभा रूप से है। 21. क्रोध दुःख का भंडार है ।
रूप की शोभा ज्ञान से है। 22. क्रोध अनर्थों का घर है।
ज्ञान की शोभा क्षमा से है। 23. क्रोध पीड़ा का पर्याय है ।
44. क्रोध करना बहादुरी नहीं है, क्रोध को 24. क्रोध विवेक का दुश्मन है ।
नियंत्रण में रखना, बहादुरी है। 25. क्रोध मनुष्य को अन्धा बना देता है। | 45. क्षमा, आत्मा की भाषा है । 26. क्रोध जब भी आता है, विवेक को नष्ट | 46. क्षमा की भाषा सर्वोपरि है। करके आता है।
47. क्रोध की शक्ति से दुश्मन को दबा सकते 27. क्रोध होश की हत्या करके आता है।
है, हरा सकते है, जीत नहीं सकते है।