________________
गति - आगति की विशेष नोंध
कहाँ जाता है, या जा सकता है ? - गति
आ सकता है या कहाँ से जीव आता है? - आगति
1)
असन्नी तिर्यंच पंचेन्द्रिय पहली नरक से आगे नहीं जा सकता है ।
3)
4)
5)
9)
भुजपरिसर्प (भुजाओ से चलने वाले-छिपकली आदि) पहली, दूजी नरक से आगे नहीं जा सकता है ।
खेचर (पक्षी) 1, 2, 3 नरक से आगे नहीं जा सकता है ।
स्थलचर (शेर आदि) 1, 2, 3, 4 नरक से आगे नहीं जा सकते हैं ।
उरपरिसर्प (सांप) 1,2,3,4,5 नरक से आगे नहीं जा सकते हैं ।
जलचर (मच्छली) 1,2,3,4,5,6 नरक से आगे नही जा सकते हैं ।
जलचर, पुरुष और पुरुष नपुंसक (मच्छकच्छ) 1 से 7 नरक मे जा सकते है ।
मनुष्य स्त्री भी 1 से 6 नरक तक ही जा सकती है ।
सातवीं नरक और तेउकाय, वायुकाय के जीव मरकर मनुष्य नहीं बन सकते हैं । सिर्फ तिर्यंच ही बन सकते है ।
10) पहली नरक से निकला हुआ जीव चक्रवर्ती बन सकता है ।
11) पहली और दूजी नरक से निकला हुआ जीव वासुदेव, बलदेव और प्रतिवासुदेव बन सकता है।
12) 1,2,3 नरक से निकला हुआ जीव ज्यादा से ज्यादा तीर्थंकर बन सकता है ।
86
13)
14)
15)
16)
1,2,3,4 वीं नरक से निकला हुआ जीव ज्यादा से ज्यादा केवली बन सकता है ।
1,2,3,4,5 वी नरक से निकला हुआ जीव ज्यादा से ज्यादा साधु बन सकता I
1,2,3,4,5,6 ठी नरक से निकला हुआ जीव ज्यादा से ज्यादा श्रावक बन सकता है ।
1,2,3,4,5,6,7 वीं नरक से निकला हुआ जीव ज्यादा से ज्यादा तिर्यंच सम्यग्दृष्टि बन सकता है ।
17 ) नारकी मरकर नरक और देवता में नही जाते।
18) देवता मरकर देव और नरक गति में नही जाते ।
19) तिर्यंच और मनुष्य मरकर चारों गति में जा सकते है ।
20) नारकी मरकर असन्नी मनुष्य और असन्नी तिर्यंच नहीं बनता ।
24)
21 ) नारकी और देवता मरकर युगलिक में जन्म नहीं लेते है ।
22) देवता सूक्ष्म में जन्म नहीं लेते हैं, सिर्फ बादर
में, अच्छा पानी, पृथ्वी और वनस्पति में ही जन्म लेते हैं । कंदमूल में जन्म नहीं लेते हैं ।
23) असन्नी तिर्यञ्च पंचेन्द्रिय अगर जायेगा तो नरक में पहली नरक तक और देवता में भवन पति वाणण्यन्तर, देव से आगे नही जा सकता है ।
नरक में जितनी अधिक उम्र, उतना अधिक वह (पापी) भारी कर्म जीव और देवलोक में जितनी अधिक उम्र उतना जीव पुण्यशाली माना जाता है ।