SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 102
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 16) 20) ( सिद्ध-प्रश्न माला ) 14) सिद्ध को किस तत्व में लिया गया है ? उ. मोक्ष, जीव 1) सिद्धों की जघन्य अवगाहना से उत्कृष्ट 15) सिद्ध भगवान में कौन से रतन होते है ? अवगाहना कितनी गुणी बड़ी है ? उ. सम्यक् ज्ञान व सम्यक दर्शन | उ. 1000 गुणी अनंत गुण किसमें पाए जाते है ? 2) महावीर स्वामी सिद्ध की स्थिति लिखो ? उ.सिद्धों में , उ. सादि अनंत । केवली भगवान मोक्ष जाने से पहले, अपने अनंत सिद्ध की स्थिति लिखो ? आत्मा को कितना SHORT करते हैं ? (घन) उ.अनादि अनन्त उ. एक तिहाई (आत्म प्रदेशो का घनीकरण) सिद्ध शिला के अंतिम छोर से सिद्ध 18) क्या जन्म से नपुंसक मनुष्य मोक्ष जा सकता कितने दूर है ? है? हाँ या ना ? उ.एक योजन में गाउ का छल्ला भाग कम । उहाँ 5) सिद्ध शिला किस सोने की बनी हुई है ? सिद्ध कहां रहते हैं ? उ. अर्जुन सोने की । (सफेद) उ. लोक के मस्तक भाग में, लोक के अंत में। 6) लोक में सब से छोटी पृथ्वी का नाम बताओ? सिद्ध भगवान शरीर कहाँ छोड़ते है ?. उ.सिद्ध शिला उ.तिरछे लोक में। 7) क्या सिद्ध शिला पर, सिद्ध भगवान रहते 21) क्या सिद्ध भगवान जहाँ रहते हैं, वहाँ संसारी है ? (हां या ना) जीव हैं ? उ. नहीं उ. पाँच प्रकार के स्थावर जीव । 8) कितने नपुंसक एक समय में मोक्ष जा सकते 22) छः काया में से कितने जीव रहते हैं ? हैं? (जघन्य और उत्कृष्ट) जघन्य एक, उत्कृष्ट दस उ. पाँच काया के (त्रस काया को छोड़कर) जैन साधु के वेश में अधिक से अधिक अरिहन्त प्रश्न माला कितने सिद्ध हो सकते हैं ? सर्वोत्तम उपकारी पद कौन ? उ. 108 उ. अरिहन्त समद्र से अधिक से अधिक कितने सिद्ध हो पाँच पदों में सबसे कम संख्या किनकी? . सकते है ? उ.अरिहन्त उ.जघन्य एक, उत्कृष्ट दो । 3) विहार करे, राग न करे कौन ? 11) अशरीर ये किसका गुण है ? उ.अरिहन्त उ. सिद्धों का। एक सिद्ध में समान अवगाहना वाले सिद्ध चार घाती कर्म के क्षय का संकेत किस शब्द कितने रहते है ? में है? उ. अनन्त उ. अरिहन्त 13) सिद्ध लोक में (तिरछे लोक से) जाने में | 5) जघन्य 20 व उत्कृष्ट 170 कौन होते है ? कितना समय लगता है ? उ. तीर्थंकर-अरिहन्त उ. एक समय
SR No.002325
Book TitleVinay Bodhi Kan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorVinaymuni
PublisherShwetambar Sthanakwasi Jain Sangh
Publication Year2014
Total Pages336
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy