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प्रश्नवाक्य का प्रारम्भिक अक्षर 'च' है, इसमें अ स्वर और चू व्यंजन का संयोग है । द्वितीय अक्षर 'मे' में ए स्वर और म् व्यंजन का संयोग है तथा तृतीयाक्षर 'ली' में ई स्वर और लू व्यंजन का संयोग है। इस विश्लेषण में अ + च + म् ये तीन वर्ण अनभिहत, अभिधूमित, ए आलिंगित और लू अभिहतसंज्ञक हैं। “परस्परम् अक्षराणि शोधयित्वा योऽधिकः स एव प्रश्नः " इस नियम के अनुसार यह प्रश्न अनभिहत हुआ, क्योंकि सबसे अधिक वर्ण अनभिहत वर्ग के हैं। किसी-किसी के मत से प्रथम वर्ण जिस प्रश्न का हो, वही प्रधान रूप से ले लिया जाता है। जैसे उपर्युक्त प्रश्न वाक्य में 'च' अक्षर में स्वर और व्यंजन दोनों ही अनभिहत प्रश्न के हैं । अतः आगेवाले विश्लेषण पर विचार न कर उसे अनभिहत ही मान लिया जाएगा ।
अभिघातित प्रश्नाक्षर और उनका फल
'अथाभिघातितानि' - चतुर्थवर्गाक्षराण्युपरि प्रथमवर्गाक्षराण्यधः ३ पातितान्यभिघातितानि भवन्ति घक, झच इत्यादि । पजमवर्गाक्षराण्युपरि द्वितीयवर्गाक्षराण्यधः ४ पातितान्यभिघातितानि भवन्ति ङख अछ इत्यादि । अनेन पितृचिन्ता मृत्युं च निर्दिशेत् ।
अर्थ-अभिघातित प्रश्नाक्षर कहते हैं । चतुर्थ वर्गाक्षर के ऊपर और प्रथम वर्गाक्षर के नीचे रहने पर परस्पर में परावर्तन हो जाने से अर्थात् चतुर्थ वर्गाक्षर के पूर्ववर्ती और प्रथम वर्गाक्षर के परवर्ती होने से अभिघातित प्रश्न होते हैं। जैसे घक, झच, ढट, भप, धत, वय इत्यादि । पंचम वर्गाक्षर के ऊपर और द्वितीय वर्गाक्षर के नीचे रहने पर परस्पर में परार्वतन हो जाने से अर्थात् पंचम वर्गाक्षर के पूर्ववर्ती और द्वितीय वर्गाक्षर के उत्तरवर्ती होने से अभिघातित प्रश्न होते हैं। जैसे ङख, ञ, णठ, इत्यादि । इन अभिघातित प्रश्नों का फल पिता सम्बन्धी चिन्ता और मृत्यु कहना चाहिए ।
विवेचन - अभिघातित प्रश्न अत्यन्त अनिष्टकर होता है। इसका लक्षण भिन्न-भिन्न आचार्यों ने भिन्न-भिन्न प्रकार का बताया है । कोई चतुर्थ- प्रथम, तृतीय- द्वितीय और चतुर्थ-तृतीय वर्ग के वर्णों के प्रश्न श्रेणी में रहने पर अभिघातित प्रश्न कहते हैं, तथा अन्य किसी के मत से प्रश्नकर्ता कमर, हृदय, हाथ, पैर को मलता हुआ प्रश्न करे, तो भी अभिघातित प्रश्न होता है । इस ग्रन्थानुसार यदि प्रश्न श्रेणी के सभी वर्ग चतुर्थ वर्गाक्षर और प्रथम वर्गाक्षर के हों अथवा पंचम वर्गाक्षर और द्वितीय वर्गाक्षर के हों तो अभिघातित प्रश्न समझना चाहिए। जैसे मोहन प्रश्न पूछने आया, ज्योतिषी ने उससे किसी कपड़े का नाम पूछा, तो उसने धोती का नाम बताया। मोहन के इस प्रश्न वाक्य में 'धो' वर्ण चतुर्थ वर्ग
१. तुलना - के. प्र. सं., प. ५ ।
२. अभिघातित क. मू. ।
३. वर्गाणि क. मू. ।
४. पतितानीति पाठो नास्ति क.मू. ।
५. अनेनेति पाठो नास्ति क. मू. ।
८० : केवलज्ञानप्रश्नचूडामणि