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________________ अन्तिम खाने में सूर्य के राशि, अंश को लिख लेना चाहिए। पश्चात् सूर्य के राशि और अंश को दशा के मास और दिन में जोड़ना चाहिए। दिन संख्या में ३० से अधिक होने पर ३० का भाग देकर लब्ध को मास संख्या में जोड़ देना चाहिए और मास संख्या में १२ से अधिक होने पर १२ का भाग देकर लब्ध को वर्ष में जोड़ देना चाहिए। नीचे और ऊपर के खानों में जोड़ने के अनन्तर मध्यवाले में संवत के वर्षों को जोड़कर रखना चाहिए। जिस ग्रह की विंशोत्तरी दशा आयी है, उसका अन्तर निकालने के लिए उसके भुक्त वर्षों को अन्तर्दशा के ग्रहों के वर्षों में-से घटाकर तब अन्तर्दशा लिखनी चाहिए। अन्तर्दशा का उदाहरण प्रस्तुत उदाहरण में विंशोत्तरी दशा चन्द्र की आयी और इसके भुक्त वर्षादि०।८७ हैं। चन्द्रान्तर चक्र में पहला अन्तर चन्द्रमा का १० माह है, अतः इसे इसमें से घटाया१००-८७=१।२३ चन्द्रान्तर चद्रान्तर्दशा चक्र (जन्मपत्री का) भौम | राहु | गुरु | शनि | बुध | ० ० 109 ० ० ० सवत २०१३ संवत् संवत् | संवत् | संवत् | संवत् | संवत् | संवत् | संवत् | संवत् २००३ | |२००४ २००४ २००६ २००७ २००६ २०१० १२०११ २०१२ सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य भौमान्तर्दशा चक्र (जन्मपत्री का) । भौम | राहु | गुरु | शनि | बुध | केतु । शुक्र | सूर्य | चन्द | ग्रह . दिन २७ | ११ | १ | ११ २७ । २७ संवत संवत् संवत् संवत् | संवत् संवत् । | संवत् संवत् | संवत् | संवत् |२०२० / २०१३ २०१३ २०१४ २०१५ २०१६ २०१७ २०१८ २०१६ २०१६ | सूर्य । सूर्य । सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य | सूर्य सूर्य | सूर्य २ । २ । ७ | ७ | ६ | ८ | ८ | १ ३ | ५। २३ | २६ इसी प्रकार समस्त ग्रहों की अन्तर्दशा जन्मपत्री में लिखी जाती है। १६८ : केवलज्ञानप्रश्नचूडामणि
SR No.002323
Book TitleKevalgyan Prashna Chudamani
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandra Shastri
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year2000
Total Pages226
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size17 MB
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