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अपने-अपने ध्रुवांक और क्षेपक जोड़कर अपनी राशि संख्या का भाग देने पर अर्थात् संवत्सर के लिए ६० का, मास के लिए १२ का, तिथि के लिए १५ का, नक्षत्र के लिए २७ का, योग के लिए २७ का, लग्न के लिए १२ का एवं ग्रहों के आनयन के लिए ६ का भाग देना चाहिए। इस प्रकार नष्टजातक का जन्मपत्र बनाया जाता है।
स्वरवर्णांक चक्र अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋ ल ल ए ऐ ओ औ अं अः ० १ २ ३ ४ ५ ६ ७ ८ ९ १० ११ १२ १३ १४ १५ १६ ०
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संवत्सर, मास, तिथि आदि के ध्रुव-क्षेपांक संवत्सर मास | तिथि | वार | नक्षत्र | योग | लग्न | संज्ञाएँ ३२ ८ । १०। ७ । ७ । २० । २१ । ध्रुवांक १०८ । ५६ । ६० । ५८ . ७३ । ५८ । ५७ । क्षेपांक
५ ३ ५३ | १०६ / १०६ । १०६ / १०६ / वर्गांक
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ग्रहों के ध्रुव-क्षेपांक सूर्य चन्द्र | भौम बुध | गुरु | शुक्र शनि राहु ग्रह । ३० | १३ | २१ । ३२ | २३ । २४ | २५ | ३६ ध्रुवांक १०३ | ० | ३३ / ४० । ६. | ० ३ ७७ क्षेपांक ५१ । ५३ । ५३ | ५३ | ५३ | ५३ | ५३ | ५३ वर्गांक
उदाहरण-पृच्छक से प्रश्नवाक्य पूछा तो उसने 'कैलास पर्वत' कहा। इसका विश्लेषण किया तो-क् + ऐ + ल् + आ + स् + अ + प् + अ + र् + व् + अ + त् + अ हुआ। इस विश्लेषण में स्वर और व्यंजनों की संख्याएँ पृथक्-पृथक् ग्रहण की तो १ + ३ + ७ + १ + २ + ४ + ६ = २४ व्यंजन संख्या, १२ + २ १ + १ + १ + १ = १८ स्वर संख्या, इन स्वर और व्यंजन संख्याओं का परस्पर गुणा किया तो २४ x १८ = ४३२
केवलज्ञानप्रश्नचूडामणि : १३६