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क्रमाङ्क
सक्ति नम्बर
सूक्ति शीर्षक मुक्ति असंभव मुनि-मर्यादा
361
501 570
362
मू
363
138
364
289
365
290
366
291
मूर्ख कौन ? मूढ चेता मूढ, मगशैलियापाषाण मूर्ख, शिलावत् मूढ, सत्यपथ में स्थित नहीं मूर्ख-धारणा मूल और फल मूर्योपदेश कोप-हेतु
367
340
368
371
369
511
370
515
371
34
64
372 373 374
67
मृदुता-फल मृत्यु से निष्काम मृत्यु-कला के सम्यग्वेत्ता । मृत्यु-मूल मृत्यु, मेहमान
253
375
337
376
मेरुवत् अचल
377
14
378
261
379
282
मोक्ष-मार्ग-साधना मोक्ष एक मोह से जन्म-मरण मोहावृत्त पुरुष मोह
380
323
381
372
382
197 481
383
मौन अनुचित कब ?
384
1
'मंगल' का अर्थ
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 • 256