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कमाल मुक्ति नम्बर
सूक्ति शीर्षक
110
124 129
111
112
347
कामान्ध-परिणाम कायर कोन ? काम, दुर्लंघ्य काम की मृगतृष्णा कामभोग अग्निघृतवत् कामभोग से अतृप्त
113
114
349. 576 578
115
कि
116
117 342
किसे प्रयोजन नहीं ? किनारे नहीं !
117
118
374
कुशल कौन ?
119
'275
केवलज्ञान नहीं
120
209
कैसा सत्य नहीं बोले ? कैसा शिष्य बहिष्कृत
121
455
122
-108
कोई रक्षक नहीं
123
कंक पक्षीवत् पापी-अधम
124
200
क्रिया, ज्ञानमयी क्रियाहीन ज्ञान
125
268
126
127
128
231
क्रोधजेता निर्ग्रन्थ 235
क्रोधान्ध 242
क्रोधी 246
क्रोध-वर्जन 474
क्रोध विफल अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6 . 245
129
130