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________________ श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [ भाग 6 पृ. 327] प्रश्नव्याकरण 2/7//24 'सत्य' ही लोक में सारभूत तत्त्व है । - 208. सत्य, सौम्य - तेजस्वी सच्चं.....सोमतरं चंदमंडलाओ, दित्ततरं सूरमंडलाओ । श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [ भाग 6 पृ. 327] - प्रश्नव्याकरण 2/7//24 सत्य, चन्द्रमण्डल से भी अधिक सौम्य और सूर्यमण्डल से भी अधिक तेजस्वी है । 209. कैसा सत्य नहीं बोले ? सच्चं पि य संजमस्स उवरोहकारकं किंचि वि न वत्तव्वं । - प्रश्नव्याकरण 2/7/24 सत्य भी यदि संयम का घातक हो तो, नहीं बोलना चाहिए । श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 6 पृ. 327] 210. असत्य के समकक्ष क्या ? अप्पणो थवणा, परेसु निंदा । - प्रश्नव्याकरण 2/7/24 अपनी प्रशंसा और दूसरों की निंदा भी असत्य के ही समकक्ष है श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [ भाग 6 पृ. 327] 211. सत्य - चमत्कार - - सच्चेण य तत्ततेल्ल तउलोह सीसगाई छिवंति, धरेंति ण य उज्झति मणुस्सा । श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 6 पृ. 327] प्रश्नव्याकरण 2/7/224 लोहे सत्यनिष्ठ मनुष्य सत्य के प्रभाव से उबलते हुए तेल, कथीर, और सीसे को छू लेते हैं, उन्हें हथेली पर रख लेते हैं, फिर भी जलते नहीं हैं । अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-6• 108
SR No.002321
Book TitleAbhidhan Rajendra Koshme Sukti Sudharas Part 06
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPriyadarshanashreeji, Sudarshanashreeji
PublisherKhubchandbhai Tribhovandas Vora
Publication Year1998
Total Pages312
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size24 MB
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