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क्रमाङ्क
सक्ति नम्बर
सक्ति शीर्षक
341 342 343
10 275 390 427
344
वन्दना वही निर्गन्थ वचन-विवेक वही भिक्षु वही अणगार वही भिक्षु वही श्रमण
428
345 346
432
347
442
वा
348
41
349 350
158 400
वास्तविक दुःख वाचालता बनाम झूठ वाणी-विवेक वाक्-शुचिता वाणी कैसी हो ?
351
404 408
352
353
354
125
355 356 357 358
138 201 220
विनय बिन विद्या विरत अणगार विशिष्टात्मा सक्षम विरले हैं गुणी गुणानुरागी विषकुम्भपयोमुखम् विधिवत् दान विभूषा-निषेध विषयासक्ति विचारयुत वार्तालाप विषय-अनासक्ति
224
289
359 360 361
365 393
362
459
363
74
पंकज
वीतराग कौन ? वीर प्रशंसनीय
364
466
365
244
वैर, स्वशत्रुता वैरनाशक औषध
366
268
367
251
व्रतराज ब्रह्मचर्य
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-5 • 218