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क्रमाङ्क
सूक्ति नम्बर
सूक्ति शीर्षक
म
309
317 318
मृत्यु की निर्दयता मृग-तृष्णा
457
319
215
मेघवत् दानी
म
32035 321 322 323 324 325 326 460
मोह-तृष्णा मोक्ष-मार्ग मोह से कर्म मोहक्षय, दु:खक्षय मोह-विकार मोक्षान्वेषक मोहावृत्त पुरुष
*
327
126
मौन-उपासना
328
307
यथा कर्म तथा गति
329 330 331
78 79
रस, उद्दीपक रसासक्त-अकाल मृत्यु रसना-वीतराग रसना-दमन रस-अनासक्ति
332
333
434
334 58 33582 336 255
राग-द्वेष के हेतु रागात्मा रागी-निरागी चिन्तन
337 59 33860 339
रूपासक्ति रूप-वीतराग रूप में अतृप्त
340
160
लोभ अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-5 • 217