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सूक्ति का अंश
भाग
पृष्ठ
28.
श्रेयांसि बहुविघ्नानि भवन्ति महतामपि।
3
338
134. हविज्ज उयरे दंते । 231. हसंतो नाभिगच्छेज्जा ।
739 . 983.
5.
हिंडंति भयाउला सढा ।
32
त्रि
240. त्रिधाभिक्षाऽपि तत्राद्या।
1006
92.
ज्ञानी क्रिया परः शान्तो ।
3
551
__ अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-30 142
स..खण्ड
-3.142