________________ विश्वपूज्य श्रीमद् राजेन्द्रसूरिजी गुरु मन्दिर (भीनमाल) विश्वपूज्य गुरुदेवश्री द्वारा प्रदत्त अभिधान राजेन्द्र कोष : अलौकिक चिन्तन भि / अविकारी बनो, विकारी नहीं ! भिक्षुक (श्रमण) बनो, भिखारी नहीं ! धार्मिक बनो, अधार्मिक नहीं ! नम्र बनो, अक्कड़ नहीं ! राम बनो, राक्षस नहीं ! जे जेताविजेता बनो, पराजित नहीं ! न्यायी बनो, अन्यायी नहीं ! द्र द्रष्टा बनो, दष्टिरागी नहीं ! को कोमल बना कर नहीं ! पए या कन्यो, भक्षक नहीं / /