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- आचारांग - IMM/60 मुनि आहार-पानी की मात्रा को जाननेवाला हो । 226 भिक्षु - अलोलुप णाणु गिद्धे रसेसु अपडिवण्णे ।
- श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 2 पृ. 1083]
- आचारांग - IMM/60 ___ असंकल्पित होता हुआ भिक्षु रसों में लोलुप न हो । 227 मुनि णोवि य कंडुयए मुणी गातं ।
- श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 2 पृ. 1083]
- आचारांग - 10/60 मुनि शरीर को नहीं खुजलाए । 228 आहार-खोज ऐसे “अहिंसमाणो घासमेसित्था ।
- श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 2 पृ. 1087]
- आचागंग 18/4105 किसी को जरा भी कष्ट न देते हुए आहार की खोज करें । 229 धीरे चलो - मंद परिक्कमे ।
- श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 2 पृ. 1087]
- आचारांग - 10/4105 धीरे-धीरे चले। 230 अनर्थ खान खाणी अणत्थाण उ काम-भोगा ।
- श्री अभिधान राजेन्द्र कोष [भाग 2 पृ. 1187] - उत्तराध्ययन - 14/03
अभिधान राजेन्द्र कोष में, सूक्ति-सुधारस • खण्ड-2 • 113