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________________ [बीओ संधि] . ॥ध्रुवकं ॥ पहावेप्पिणु जो जिणु सुहविहिए कणयकलसगंधोयए अहिसिंचइ सो बज्झंतरिउ णियमलु हणइ पमोयए ॥ ॥ गाहा ॥ जिणबिंबं सिंचंतो भवियहो भत्तीए कलसतोएण भवभवणजणियतावं सो सामइ अत्तणो सहसा ॥ छ । 5 जिणबिंबइ जो कलसिहि ण्हावइ सो मेरुहि सुरण्हवणउ पावइ कम्मकलंकपंकु पक्खालइ कुगइहि मज्झु कहवि ण णिहालइ जलकलसें जिह बंभणतणयइ जिणु ण्हावेप्पिणु पयडियविणयइ आसि पुण्णु उप्पाइउ बहुविहु जं कमेण पयडइ सासयसुहु अह इत्थु वि भरहें सुपसिद्धउ णयरु बंभपुरु णाम पसिद्धउ 10 जं विप्पहि उग्घोसियसत्थहि तिह सोहइ जियलोयह सत्यहि [Sandhi : 2]| I. I. सुहविहिए - शोभनविधिना; 2. पमोयए - हर्षेण यः सिंचयति; 3. तावं - संतापं. 4. अत्तणो - आत्मनः. 5. जं - यत्पुण्यं. 10. जं - यन्नगरं; विप्पहिं - विप्रैः; [ Sandhi : 2 ] [ध्रुवक-गाहा] I. B. गंधोयएं 2. A. ए is written ass B. हणई पमोयएं; C. सो for जो. 3. B. भविओ; तोएणं; C. भविउ; तोएणं; 4. A. जिणिय for जणिय; B. सामई; C. भवभयभणियं; सामाई. [Kadavaka I.] 5. B. बिंवई; कलसहि; मेरुहें सुरण्हवणउं; C. कलसहि न्हावइ; मेरुहिं. 6. A. कम्मकलंकु पंकु पखालइ; BC. कुगइहिं; 7. A. पयडियतणयई for पयडियविणयई; B. जह भणतणयएं...पयडियविणयएं; C. जलकलसहि जह; तणयई; न्हावेप्पिणु; पयडियविणयइं. 9. B. एत्थ वि भरहें; णामसमिद्धउ C. अह इत्थत्थि भरहि; समिद्धउ for पसिद्धउ. 10. B. जं विप्पहिं...सत्थहिं...तह सोहइ जह लोयहं सत्थहिं; C. जं for जह...हिं...हं...हिं; II. A. सुद्धा ।
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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