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विवुहावासिहि सुट्ट रवण्णउ सुरणयरु व पवरच्छरपुण्णउ चउविहवेयघोसु जहि सुम्मइ छक्कम्महि दिएहि दिणु गम्मइ जण्णकम्मु तहि अणुदिणु किजइ दिक्खिएहि अइवग्गु हुणिजइ
तहि सोमिल्लु णामु दिउ णिवसइ जो चउवेयपाढ सइ ववसइ 15 जणजणियाणुराउ सुवियक्खणु पाढइ सीसवग्गु सो लक्खणु
॥घत्ता ॥ सोमा पियपणइणि अत्थि तहो जण्णवकु विक्खायउ " हुउ गंदणु ताह पसण्णमइ पालियकुलमज्जायइ ॥१॥
॥ गाहा ॥
वररूवसीलसोहग्गसोहिया कायकंतिरमणीया
सोमसिरी सोमस्स य रोहिणि जिह हुय पिया तस्स ॥ छ । जा सासुरयलोउ आराहइ विणयपवित्तइ पेसणु साहइ विहिवसेण अह अण्णइ वासरि मुउ सोमिल्ल विप्पु झाइवि हरि 5 तहो पुत्तें मयकम्मु विसुद्धउ सकुलायारे पुणु पारद्धउ
सासुआइ सोमाइ पउत्तउ “सुण्हा सोमसिरि"त्ति णिरुत्तउ लोयहं सत्थहिं - लोकसमुहै:. II. विवुहावासिहिं - ( विवुहा - ) पंडिताः; देवावासैश्च; सुरणयरु व etc. - देवनगर इव प्रचुराक्षय्यैः पूर्ण प्रचुराप्सराभिश्च. 12. चउविह वेयं - ऋक्यजुः साम अथर्वण चतुर्वेदाः; छक्कम्महिं - यजेनु । जापर्नु । ध्यान । अध्ययनु । दान । परिनँहु । एतैः षट्कर्मभिः द्विजैः दिनं नीयते । ध्यानाध्ययनयजनजापनदानपरिग्रहैः । 14. तहिं - ब्रह्मपुरनगरे; ववसइ - व्यापरति. 15. सो - द्विजः; लक्खणु - लक्खणादिग्रंथं ।
II. 2. सोमस्स य - चन्द्रस्येव. 3. तस्स - जज्ञवल्कस्स. 4. हरि - विश्नु.
B. विवुहावासिहिं...खण्णउं...पुण्णउं. 12. B. अनुस्वार on इ and हि; C. छक्कमेंहि दिएहिं; 13. B. कम्म; जहिं for तहि; BC. अयवग्गु. 14. BC. पाढु सइं. 15. A. जणु जणियाणराउ, पाढय for पाढइ; C. वहुलखणु; 16. A. विखायउ; 17. BC. ताई; C. पालइ for पालिय. .
[Kadavaka 2.] 1. A. कंत्ति for कति; 2. A. कुस for हुय; BC. जह; C. हुअ. 3. BC. पवित्तिए. 4. A. अइ for अह; झायवि B. अण्णहिं. C. अण्णहि; BC. झाइवि.