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"महु आहासहि पयणियसम्मइ अइकारुण्णे गिहिछक्कम्मइ जाइ करंतउ भवियणु संचइ दिणि दिणि सुह दुकम्महिं मुखइ तेहि विवजिउ णरभउ भव्वह छग्गलगलथणसमु गयगव्वह मइ मइमूढें किंपि ण चिंतिउ पुण्णकम्मु इयकम्मु पवित्तउ 5 भवकाणणि भुल्लहु महु अक्खहि सम्ममग्गु सामिय मोवेक्खहि"
अमरसूरि तव्वयणाणतरु पयडइ गिहिछक्कम्मह वित्थर “सुणि कण्हउरवंसविजयद्धय णियख्वोहामियमयरद्धय पूया देवह सुहगुरुवासण समइ सुद्ध सज्झायपयासण संजमतवदाणहि संजुत्तइ जिणदसणछक्कम्मइ वुत्तइ
॥घत्ता
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रयणत्तयजुत्तउ सल्लहि चत्तउ गुण सीलंतउ हणियमलु ॥ जो दिणि दिणि एयइ करइ विहेयइ मणुयजंमु पर तहो सहल ।।८॥
___VIII. I. B. पयणियसम्मइ - प्रजनितसन्मतिः; 3. B. तैः - तैः षट्कर्मभिः; छग्गलं -च्छाली; 4. B. मइ मइमूढें - मया मतिमूढेन; 5. B. इयकम्मु - इतरः पापकम्मु; 5. B. मोवेक्खहि - मा अवगणनां कुरु; 6. B. तव्वयणाणंतरु - तस्य अंवप्रसादस्य वचनानन्तरं; 7. B. ओहामिय-तिरस्कृतः; 8. B. गुरुवासण - उपासना, सेवा; 9. B. जिणदसण - जिनमते; II. B. एयइ - षट्कर्माणि; विहेयई - विधेयानि कर्तव्यानि.
[Kadavaka 8.] 1. A. आहासइ; पइणिय; B. कम्मई; C. सम्मई...णि...ई. 2. A. दह दुकम्में मुश्च: B. जाई...सह दुक्कम्मिहिं; सुह दुकम्महिं. 3. BC, तेहिं...गव्वहं. 4. A. मय; मई...पुण्णक्रम्मु; C. मइ मई मूठिं...पुण्णुकम्मु दुकम्म पवित्तउ. 5. A. अरवहि. B. भवकाणणे भुल्लहो. C. काणणे भुल्लहो...अखहिं...मगु. 6. BC. छक्कम्महं. 7. C. कन्ह. 8. A. सुरगुरवासण. 9. A. दाणइ संजुत्तउ...वुत्तउ; B. दाणहिं संजुत्तई...छकम्मई वुतई; C. दाणहं...कम्मई वुत्तइं. 10. B. सल्लाहं...सीलंतउ. II. BC, एयइं...विहेयई.