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________________ देवच्चणु भविएं भावंतें देवपरिक्खा किजइ संतें देउ परिक्खिउ पुण्णहो कारणु अपरिक्खिउ दुग्गइवित्थारणु विणु देवें ण कोवि दीसइ णरु इत्थु जहण्णु मज्झु अण्णइ वरु मिच्छु वि पावपवित्तिहि दूसिउ मजपाणमंसासणि कलुसिउ 5 दिवमिच्छत्तसहावारूढउ तहो परिक्ख अमुणंतउ मूढउ सयल वि देव सहाविय मन्नइ एकहि कहि मि ण चित्तु णियंतइ सव्वहि वत्थुहि विण्हु पसंसइ पच्छा ताइ मि पायहिं फंसइ अहहि मुत्तिहि ईसरु भावइ तक्खणि ताहं मि अविणउ दावइ विण्हु णमइ सूयर तिमि मारइ तहो सोत्तिउ पाविउ ण वियारइ ॥ घत्ता॥ गहरक्खसभूयइ असुइसरुवइ खित्तपालवेयालइ ॥ किह एयइ देवइ हुँति असेवइ दुकम्मिहि हिंसालइ ॥९॥ ___IX. 2 B. दुण्णइ - दुर्नीति. 3. B. जहण्णु - चंडालादि; मज्झु - ब्राह्मणादि; वरु - उत्कृष्टः, उत्तिमः श्रावकादि. 6. B. मंनइ - मन्यति स्म; णियंतइ - नियंत्रयति. 7. B. वत्थुहिं - वस्तूनि; ताई - देवस्य. 8. B. अट्ठहिं मुत्तिहिं - गगन - अमिः - चंद्रः - सूर्यः - मेघः - पृथ्वी - पवनः - जलं. अष्टमूर्तिभिः ईश्वरं आराधयति. अष्टमूर्तिनां. 9. B. तिमि - मत्स्यानि; तहो - विष्णोः; वियारइ - विचारयति. [Kadavaka 9.1 I. A. भवियं; B. भविए; C. भव्वें भावंतें. 2. B. दुण्णइ for दुग्गइ; C. अपरखिउ. 3. A. इथु. B. देवें...इत्थ...अण्णइं. C. देविं...इत्थ...अब्णई 4. A. मिछ. B. हिं; मंसासणकलुसिउ; C. पवित्तिहें...मंसासण. 5. A. मिछत्त. 6. A. एकइ; BC. एक्कहिं कहिंमि. 7. A. वत्थइ; पाथुतो एमि पापहि फंसइ. B. सव्वहिं वत्थुहिं...पच्छा ताइंमि पायहिं फंसइ. C. सव्वहि वत्थुहिं विन्हु...पच्छा ताइ मि पायहं फंसइ. 8. B. अट्ठहिं मुत्तिहिं...तक्खणे ताहं मि. C. हिं...हिं...तखणि ताहं. 9. B. णवइ...तहो सुत्तिउ. C. विन्हु णबइ...मुत्तिउ. I0. A. असइ. C. खित्तवाल. II. BC. कह. The अनुस्वार tendency of MSS. BC will not be noted,
SR No.002315
Book TitleChakkammuvaeso
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMadhusudan Modi
PublisherOriental Institute
Publication Year1972
Total Pages448
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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