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तेणेव उवागच्छइ । उवागमित्ता ते छप्पि अणगारा बंदइ नमसइ | वंदित्ता नर्मसित्ता आगय पण्हया पप्फुयलोयणा कंचुयपडिक्खितया दरियवलयवाहा धाराहयक लंब पुप्फगंपि व समूससियरोमकूवा ते छप्पि अणगारे अणिमिसार दिट्ठीए पेहमाणी पेहमाणी 5 सुचिरं निरिक्खइ । निरिक्खित्ता वंदइ नसंसइ | वंदित्ता नर्मसित्ता जेणेव अरहा अरिट्टणेमो तेणेव उवागच्छइ । उवागमित्ता अहं अरिमिं तिक्खुत्ती आयाहिणपयाहिणं करेइ । करिता बंद नसइ | वंदित्ता नमंसित्ता तमेव धम्मियं जाणं दुरूह | 10 दुहत्ता जेणेव बारवई नयरी तेणेव उवागच्छइ । उवागमिता बारवई नयरों अणुष्पविसद | अणुपविसित्ता जेणेव er fre जेणेव वाहिरिया उवड्डाणसाला तेणेव उवागच्छइ । वागमत्ता धम्मियाओ जाणप्पवराओ पच्चोरुहइ । पच्चो रुहित्ता जेणेव सर वासवरे जेणेव सर सयणिज्जे तेणेव उवागच्छइ । उवागमिता सयंसि सय णिज्जंसिवा निसीयइ । तर णं तीसे देवईए देवीए अयं अभथिए [ ४ ] समुपपणे एवं खलु अहं सरिसए [जा] नलकुब्वरसमागे पत्त पुसे पयाया | नो चेत्र णं मए एगस्स वि वालत्तणर समुब्भूर | एस वि य णं कण्हे वासुदेवे छण्हं छण्हं मासाणं अंतियं पायवंद हव्वमागच्छर । तं घण्णाओं णं ताओ जासि मण्णे णियगकुच्छिसंभूययाई थणदुद्धलुङया महरसमुल्लावयाई मंमण जंपियाई थणमूलकक्ख सभागं अभिसरमाणाई मुडबाई पुणो य कोमलकमलोवमेहिं हत्थे हिं गिहिऊण 31 उच्छंगि णिवेसियाई देति, समुल्लावर सुमहुरे पुणो पुणो मंजुलप्पभणिए । अहं णं अघण्णा अण्णा अकय25 पुण्णा तो एक्कतरमपि ण पत्ता । " ओहय० [जाव] झियायइ । इमं च णं हे वासुदेवे पहाए [जाव] विभूलिए देवईए 31 A गेण्हंति BCE गिव्हिऊण D गिहिति.
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