SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 12
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पंचास्तिकाय को अच्छी तरह समझने के लिए गाथा के प्रत्येक शब्द जैसे-संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, कृदन्त आदि के लिए व्याकरणिक विश्लेषण में प्रयुक्त संकेतों का ज्ञान होने से प्रत्येक शब्द का अनुवाद समझा जा सकेगा। संकेत-सूची अ - अव्यय (इसका अर्थ = लगाकर लिखा गया है) अक - अकर्मक क्रिया कर्म - कर्मवाच्य अनि - अनियमित नपुं. - नपुंसकलिंग पु. - पुल्लिंग भवि - भविष्यत्काल भूकृ - भूतकालिक कृदन्त व - वर्तमानकाल वक - वर्तमान कृदन्त वि - विशेषण विधि - विधि विधिकृ - विधि कृदन्त संकृ - संबंधक कृदन्त सक - सकर्मक क्रिया सवि - सर्वनाम विशेषण स्त्री. - स्त्रीलिंग पंचास्तिकाय (खण्ड-2) नवपदार्थ-अधिकार
SR No.002307
Book TitlePanchastikay Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKamalchand Sogani, Shakuntala Jain
PublisherApbhramsa Sahitya Academy
Publication Year2014
Total Pages98
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size6 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy