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96. केवलणाणसहावो केवलदंसणसहावसुहमइओ। केवलसत्तिसहावो सो हं इदि चिंतए णाणी ||
केवलणाणसहावो [(केवलणाण) - (सहाव ) - केवलज्ञान
1/1 fa]
[(केवलदंसण) - (सहाव) वि
(सुहमइअ ) 1/1 वि]
केवलदंसणसहाव
सुहमइओ
केवलसत्तिसहावो [(केवलसत्ति)-(सहाव)
1/1 fa]
(त) 1 / 1 सवि
( अम्ह) 1 / 1 स
卡
• ho
हं
दि
चिंतए
斗
णाणी
अव्यय
(चिंत) व 3/1 सक
( णाणि) 1 / 1 वि
स्वभाववाला
केवलदर्शन
स्वभाववाला, सुख से
सुहमइओ केवलसत्तिसहावो सो हं ।
युक्त
केवलशक्ति
स्वभाववाला
वह
मैं
इसप्रकार
चिन्तन करता है
ज्ञानी
अन्वय - णाणी इदि चिंतए केवलणाणसहावो केवलदंसणसहाव
अर्थ - ( अन्तर्मुखी हुआ) ज्ञानी इस प्रकार चिन्तन करता है: (जो) (आत्मा) केवलज्ञान स्वभाववाला (है), केवलदर्शन स्वभाववाला (है), (अनन्त) सुख से युक्त (है) (तथा) केवलशक्ति स्वभाववाला (है) वह मैं ( हूँ)।
नियमसार (खण्ड-2)
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