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24. सुहुमा हवंति खंधा पाओग्गा कम्मवग्गणस्स पुणो।
तव्विवरीया खंधा अइसुहुमा इदि परूवेंति॥
सुहुमा हवंति
होते हैं
खंधा
पाओग्गा
योग्य
कम्मवग्गणस्स
पुणो
(सुहुम) 1/2 वि सूक्ष्म (हव) व 3/2 अक (खंध) 1/2
स्कन्ध (पाओग्ग) 1/2 वि [(कम्म)-(वग्गण) 6/1] कर्मवर्गणा के अव्यय
और (तव्विवरीय) 1/2 वि अनि उनके विपरीत (खंध) 1/2
स्कन्ध [(अइ) अ-(सुहुम) 1/2 वि] अति सूक्ष्म अव्यय
इस प्रकार (परूव) व 3/2 सक
कहते हैं
तव्विवरीया खंधा अइसुहुमा
इदि
परूवेंति
अन्वय- कम्मवग्गणस्स पाओग्गाखंधा सुहुमा हवंति पुणो तग्विवरीया खंधा अइसुहुमा इदि परूवेंति ।
__ अर्थ- कर्मवर्गणा के योग्य स्कन्ध सूक्ष्म होते हैं और उनके विपरीत (कर्मवर्गणा के अयोग्य) स्कन्ध अति सूक्ष्म (होते हैं)। इस प्रकार (आचार्य) कहते हैं।
1.
अभिनव-प्राकृत-व्याकरणः पृष्ठ 154
नियमसार (खण्ड-1)
(35)