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54. णो ठिदिबंधट्ठाणा जीवस्स ण संकिलेसठाणा वा।
णेव विसोहिट्ठाणा णो संजमलद्धिठाणा वा॥
अव्यय
नहीं
ठिदिबंधट्ठाणा
स्थितिबंधस्थान
[(ठिदि)-(बंध)(ट्ठाण) 1/2]] (जीव) 6/1
जीवस्स
जीव के
अव्यय
संकिलेसठाणा
[(संकिलेस)-(ठाण) 1/2]
संक्लेशस्थान
वा
अव्यय
णेव
विसोहिट्ठाणा
अव्यय
नहीं [(विसोहि)-(ट्ठाण) 1/2] विशुद्धिस्थान अव्यय [(संजम)-(लद्धि)- संयमलब्धिस्थान (ठाण) 1/2]
नहीं
संजमलद्धिठाणा
वा
अव्यय
अन्वय- जीवस्स ठिदिबंधट्ठाणा णो ण संकिलेसठाणा विसोहिट्ठाणा वा णेव संजमलद्धिठाणा वा णो।
अर्थ- जीव के स्थितिबंधस्थान नहीं (है), न संक्लेशस्थान (है), विशुद्धिस्थान भी नहीं (है) (तथा) संयमलब्धिस्थान भी नहीं (है)।
समयसार (खण्ड-1)
(65)