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________________ शासन सम्राट : जीवन परिचय. तारंगा, मैत्राणा, चारूप, पाटण, शंखेश्वर इत्यादि तीर्थस्थलों की यात्रा करते हुए संघ अहमदाबाद आ पहुंचा । महाराजश्री अहमदाबाद में रूके । संघश्री दर्शनविजय जी की निश्रा में आगे बढ़ता हुआ पालीताणा की ओर रवाना हुआ । महाराजश्री ने अहमदाबाद में विराम किया था उस समय महाराजश्री की लाक्षणिक प्रतिभा का परिचय प्राप्त हो ऐसी एक घटना बनी । अंग्रेज कलेक्टर के साथ मुलाकात : . उन दिनों अंग्रेज सरकार के विरुद्ध असहकार का राष्ट्रीय आंदोलन चल रहा था । उस समय कांग्रेस का अधिवेशन अहमदाबाद में होने वाला था । जैन साधुओं की दिनचर्या मोक्षलक्षी, संयमभरी होने के कारण राष्ट्रीय आंदोलन में वे कोई जुडे न थे । अहमदाबाद में गोरे अंग्रेज कलेक्टर ने अनुमान लगाया कि जैन साधु राष्ट्रीय आंदोलन के विरुद्ध हैं और अहमदाबाद में जैनों की बहुत अधिक संख्या है । जैन कोम को सरकारी पक्ष में लेना हो तो उनके धर्मगुरु विजयनेमिसूरि को हाथ में लेना चाहिए । किन्तु अहमदाबाद के कलेक्टर को यह भ्रम था । उनकी घारणा थी कि एक अंग्रेज कलेक्टर निमंत्रण दे तो वे लोग दौडते हुए उन्हें मिलने आएँगे । उन्होंने महाराजश्री को अपने बंगले पर मिलने आने के लिए निमंत्रण भेजा । किन्तु महाराजश्री ने कलेक्टर के बंगले पर जाने से स्पष्ट इन्कार कर दिया और कहलवाया कि कलेक्टर को यदि इच्छा हो तो हमारे पास चाहे
SR No.002300
Book TitleShasan Samrat Jivan Parichay
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRamanlal C Shah, Pritam Singhvi
PublisherParshv International Shaikshanik aur Shoudhnishth Pratishthan
Publication Year1999
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size7 MB
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