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अनेक विद्वान आचार्यों ने आगमों पर और भी टीकाएँ लिखीं और अनेक विषयों का यथाप्रसंग वर्णन किया है।
जैन आगमों में जो द्रव्यानुयोगमूलक आगम है वे तात्त्विक दृष्टि से बहुत गंभीर हैं। टीकाकारों और व्याख्याकारों में उनमें वर्णित- आत्मा, कर्म, आस्रव, तप के विभिन्न भेद, उपभेद, पुद्गल का गहन विवेचन, परमाणुवाद की विषद चर्चा, अनेकविध परमाणुओं के सम्मिलन से निष्पन्न होनेवाली विभिन्न दशायें, कार्योत्सर्ग, ध्यान, स्वाध्याय आदि का बहुत ही सूक्ष्म गहन विश्लेषण किया है। जो तात्त्विक ज्ञान में अभिरुचिशील श्रमणों और विद्वानजनों के लिए विशेषत: पठनीय है, क्योंकि जीवन में तत्त्वज्ञान का बहुत बड़ा महत्त्व है। यद्यपि सब लोग तत्त्वज्ञान में प्रगति नहीं कर सकते, क्योंकि - उसमें प्रज्ञा अभ्यास और श्रम की अत्यधिक आवश्यकता है, किन्तु जिनमें प्रतिभा, रुचि और कार्य शक्ति हो उन्हें तो अवश्य ही उच्चस्तरीय तत्त्वज्ञान प्राप्त करना चाहिए। ऐसे पुरुषों के लिए टीकाकारों द्वारा की गई व्याख्यायें बहुत ही लाभप्रद हैं।
__ व्याख्या साहित्य के अंतर्गत चूर्णियों की यह विशेषता रही है कि सैद्धान्तिक तत्त्वों को समझाने के लिए उनमें कथाओं का विशेष रूप से उपयोग किया गया है। कथानकों, दृष्टांतों और उदाहरणों द्वारा गहन एवं कठिन तत्त्वों को आसानी से समझा जा सकता है। चूर्णिकारों का यह प्रयत्न वास्तव में अत्यंत उपयोगी है। शताब्दियों से तत्त्व जिज्ञासु इनका अध्ययन करते हुए लाभान्वित हो रहे हैं।
___ दार्शनिकता के साथ-साथ लौकिक विषयों पर भी टीकाकारों ने बहुत ही विशद विश्लेषण किया है। जिससे पाठक अपने अतीत को भलिभाँति समझ सकते हैं। किसी भी समाज या राष्ट्र के संबंध में उसका गौरवमय अतीत बडा प्रेरणाप्रद होता है, इसलिए इसे जीवित रखना विद्वानों का कार्य है। इन टीकाकारों ने व्याख्याकारों के इस कार्यों को बडी सुंदरता से निष्पादित किया है। यह व्याख्यामूलक साहित्य ऐसा साहित्य है जो युग-युग तक जिज्ञासुओं और पाठकों को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा। श्वेतांबर : दिगंबर परिचय आगम
जैन धर्म श्वेतांबर और दिगंबर दो समुदायों में विभक्त है। मौलिक सिद्धांतों की दृष्टि से दोनों में कोई विशेष अंतर नहीं है किंतु आचार विषयक मान्यताओं में और तदनुसार कुछ सैद्धांतिक मान्यताओं में अंतर है।
'श्वेतानि अंबराणि येषां ते श्वेतांबरा' १०४ इस विग्रह के अनुसार जिनके वस्त्र सफेद होते हैं। वे श्वेतांबर कहे जाते हैं। इसका