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आत्मा स्वयंभू शक्ति संपन्न, कर्म छाया की तरह, कर्म के नियम में कोई अपवाद नहीं जड़ - पुद्गल कर्म में असीम शक्ति, कर्मशक्ति से प्रभावित जीवन आदि कर्म संबंधी विषयों का समावेश हुआ है।
सांसारिक जीव का कोई भी कार्य ऐसा नहीं है। जिसके पीछे कर्म न लगे हुए हों, जीव का ज्ञान, दर्शन, चारित्र, तप, सुख, शरीर, मन, बुद्धि, इन्द्रिय, प्राण, शक्ति, आरोग्य, यश, अपयश, अंगोपांग, मान, सन्मान आदि सभी कर्म की शक्ति के नीचे दबे हुए है। संसार की कोई भी गति, योनि, जाति, क्षेत्र, परिस्थिति, वातावरण, श्रेणी, वर्ग, भूमि आदि एक भी स्थान न बचा हो जहाँ कर्म का सार्वभौम राज्य न हो । कर्म ऐसा शक्तिशाली विधाता है या यमराज है जो प्रत्येक प्राणी के पीछे यहाँ तक महान शक्तिशाली व्यक्तियों, तीर्थंकरों, चक्रवर्तिओं, वासुदेवों, साधु-साध्वी, श्रमणोपासकों, राजा, सम्राट, धनकुबेर आदि के .पीछे भी मुक्ति न हो तब तक कर्म जन्म-जन्मांतर तक लगा रहता है। कर्म की गति सर्वत्र अबाध है। कहीं भी छिपकर बैठ जाने पर भी कर्म के फल से छुटकारा नहीं मिलता। कर्म महाशक्तिशाली रूप है।
इन कर्मों के आगे तीर्थंकरों का भी नहीं चलता तो सामान्य व्यक्ति की बात ही क्या ? कर्म और आत्मा दोनों में प्रबल शक्तिमान कौन? कर्म शक्ति को परास्त किया जा सकता है, आत्मशक्ति कर्म शक्ति से अधिक कैसे ? आदि विषयों का निरूपण इस प्रकरण में किया गया है।
निश्चय दृष्टि से तो आत्मा की शक्ति अतिशय है । कर्मचक्र की अनवरत गति से यह नहीं समझ लेना चाहिए की उसकी गति पर ब्रेक नहीं लग सकता; बंधे हुए कर्मों को तप, त्याग, चारित्र, व्रत, प्रत्याख्यान आदि के द्वारा या उदय में आने पर या समभाव से भोगकर नष्ट किया जा सकता है, आत्मा कर्मचक्र से कब तक ग्रस्त रहती है, जब तक वह राग-द्वेष मोह क्रोधादि कषाय के आवेग के कारण बंधनों से बद्ध रहती है। व्यक्ति चाहे तो इन विकारों से आत्मा को बचाकर बंधन से मुक्त हो सकता है, यदि कर्म शक्ति पर आत्म शक्ति विजयी न हो तो तप, संयम की साधना निरर्थक हो जायेगी। अनंत अनंत तीर्थंकरों, वीतराग पथानुगामी अनेक साधु-संतों की आत्मा ने नये आते हुए कर्मों का निरोध और पूर्वकृत कर्मों करके कर्मशक्ति पर विजय प्राप्त की है।
निष्कर्ष यह है कि यद्यपि कर्म महाशक्ति रूप है, किंतु जब आत्मा को अपनी अनंत शक्तियों का भान हो जाता है और वह भेद विज्ञान का महान अस्त्र हाथ में उठाकर तप, संयम में प्रबल पुरुषार्थ करता है तो कर्म की उस प्रचंड शक्ति को परास्त करता है।