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रूचि, सन्मार्ग में स्थिरता, इत्यादि उत्पन्न करता है। नवकार मंत्र के जप एवं स्मरण से पुण्यानुबंधी पुण्य उत्पन्न होता है।
उपर्युक्त विवेचन का तात्पर्य यह है कि - साधक के लिए मोक्ष साध्य है यह कथन सुनिश्चित है, किंतु यह भी सुनिश्चित हैं कि - पुण्यानुबंधी पुण्य की पुष्टि के बिना वह कदापि प्राप्त नहीं हो सकता। पुण्यानुबंधी पुण्य की प्राप्ति भी परमेष्ठी नमस्कार के बिना, वैसी उत्तम क्रियाओ के बिना नहीं होती । यह भी सुनिश्चित है । अत: नमस्कार की आराधना, पंच परमेष्ठी भगवंता की उपासना मोक्ष प्राप्त का अनन्य हेतु है।
नवकारः परमात्म - साक्षात्कार का निर्बाध माध्यम
Direct Dialing to Divinity - परमात्मा के साथ सीधी बातचीत करने की कला -
आज विज्ञान का युग है । सभी क्षेत्रों में विज्ञान ने अत्यधिक प्रगति की है, तथा उत्तरोत्तर प्रगति करता जा रहा है। दूरभाष या टेलीफोन के रूप में जनसंपर्क का एक विलक्षण माध्यम आज लोगों को प्राप्त है। भारतवर्ष में बैठा हुआ व्यक्ति अमेरिका में विद्यमान अपने मित्र या संबंधी से सीधी बात कर सकता है।
इस दूरभाष की प्रक्रिया में उत्तरोत्तर विकास होता जा रहा है। लक्षित व्यक्ति के साथ सीधा वार्तालाप करने हेतु टेलीफोन कंपनियोंने सीधी संपर्क लाईनों की व्यवस्था की है, जिसके फलस्वरूप जिस व्यक्ति से बात करना चाहे, सीधे उसी से बात कर सकते है। वहाँ तीन प्रकार के नियमों का या व्यवस्था क्रमों का पालन आवश्यक है।
प्रथम नियम है - टेलीफोन की स्थानीय लाईन का असंबंध या स्थगन करना । जब तक लोकल लाईन द्वारा किसी स्थानीय व्यक्ति के साथ वार्तालाप होता रहेगा, तब तक डायरेक्ट लाईन में बातचीत नहीं हो सकती। डायरेक्ट लाईन में बात करना हो तो ‘लोकल लाईन' का स्थगन करना आवश्यक है। लोकललाईन्सका Dis-connection पहले करना चाहिए।
दुसरा नियम है - कोड़ नंबर का डायलिंग करना । जैसे किसी को दिल्ली में स्थित व्यक्ति के साथ सीधी बात करनी हो तो, उसे दिल्ली के कोड़ नंबर का डायलिंग करना अपेक्षित है। ऐसा करने से टेलीफोन दिल्ली से जुड़ेगा।
तिसरा नियम है - जिस व्यक्ति के साथ बातचित करनी हो, उसके व्यक्तिगत नंबर का डायलिंग करना होगा। उस नंबर को जोड़ना होगा।
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